गैंगस्टर बता जेल भेजे गए किशोर को मिला न्याय, परिवार ने कहा- धन्यवाद जागरण! आप न होते तो सच की लड़ाई कौन लड़ता
गैंगस्टर बताकर जेल भेजे गये नाबालिग को आखिरकार न्याय मिल ही गया। गैंगस्टर बताकर जेल भेजा गया नाबालिग सोमवार को जेल से रिहा हो गया। शहीद जुब्बा सहनी सेंट्रल जेल के बाहर मां-बाप उसका इंतजार कर रहे थे। बेटा जैसे ही जेल से बाहर आया उन्होंने उसे गले लगा लिया। माता-पिता के साथ-साथ नाबालिग की आंखों से आंसू बहने लगे। तीनों ने दैनिक जागरण को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।
By Kaushal Kishore MishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 08 Aug 2023 06:25 PM (IST)
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर: गैंगस्टर बताकर जेल भेजे गये नाबालिग को आखिरकार न्याय मिल ही गया। गैंगस्टर बताकर जेल भेजा गया नाबालिग सोमवार को जेल से रिहा हो गया। शहीद जुब्बा सहनी सेंट्रल जेल के बाहर मां-बाप उसका इंतजार कर रहे थे।
बेटा जैसे ही जेल से बाहर आया उन्होंने उसे गले लगा लिया। माता-पिता के साथ-साथ नाबालिग की आंखों से आंसू बहने लगे। तीनों ने दैनिक जागरण को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।
नाबालिग बेटे को न्याय मिलने के बाद दैनिक जागरण को धन्यवाद देते हुए उसके परिवार ने कहा कि अगर आप नहीं होते तो न जाने मेरे बेटे का क्या होता। पता नहीं कैसे न्याय मिलता? मेरा बेटा गैंगस्टर तो नहीं था, लेकिन जेल के भीतर खूंखार अपराधियों के साथ रहकर भटक जरूर जाता।
बेटे को फौजी बनाने की है इच्छा
पीड़ित नाबालिग की मां ने कहा कि बेटे को लेकर वापस देहरादून जा रही हूं। इसकी इंटर की परीक्षा है। अब इसे एक पल भी अपने से अलग नहीं करूंगी।
पिता ने कहा, मैं फौज में था। मेरी इच्छा थी कि बेटा भी फौजी बने, लेकिन उसके माथे पर जो कलंक लगा; उससे चिंता होने लगी थी। पिता ने कहा कि अब इसे फौज में भेजने की हसरत को पूरा करना चाहता है।
नौकरी की तलाश में घर से निकला था नाबालिग
उनका बेटा पहली बार घर से बाहर निकला था, उन्हें क्या मालूम था कि उसके साथी ही उसे दलदल में ढकेल देंगे। नाबालिग तो नौकरी की लालसा लिए नवीन और मंसूर के साथ भागलपुर आया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।