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Katihar Bihar News: सांड के लिए लोगों में ऐसा प्यार कि मौत पर निकाली शव यात्रा, मो. सुलेमान करते थे भोला की सेवा

Katihar Bihar News सांड को देख अक्सर लोग किनारा काट लेते हैं लेकिन अगर एक सांड की मौत के बाद उसकी शव यात्रा निकाली जाए। उसके शव को विधि-विधान के साथ दफनाया जाए। तो सवाल खड़े होते हैं कि भला ऐसा क्यों किया गया होगा। पढ़ें पूरी खबर...

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 11:03 PM (IST)
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विधि-विधान के साथ किया गया सांड का अंतिम संस्कार।

संवाद सूत्र, हसनगंज, कटिहार: वर्तमान दौर में पशु,पक्षियों की सेवा और प्रेम करते अक्सर लोग देखे जाते हैं। चाहे वह दूध देने वाली गाय, भैंस, बकरी हो या खेत जोतने के लिए बैल अथवा घर की चौकीदारी करने वाला कुत्ता या शोभा बढ़ाने के लिए पिंजरे में कैद तोता। लेकिन जिनसे कोई लाभ नहीं मिले, उसका हाल जानने वाले यदा कदा ही लोग मिल जाते हैं। सांड को देखते ही जहां लोग किनारा काट लेते हैं। वहीं हसनगंज प्रखंड क्षेत्र में भोला नाम के एक सांड को उसकी मौत पर अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद उसे गड्ढा खोदकर उसमें दफना दिया गया।

इस सांड और उसके मालिक के बीच रिश्तों की अनोखी कहानी है। प्रखंड क्षेत्र में अन्य सांड के हमले से कई लोग चोटिल हो चुके हैं। लेकिन भोला सांड अपने नाम के अनुरूप ही भोला था। जिससे आस पास के लोगों को काफी प्रेम था। लंबे समय से बीमार सांड की शुक्रवार को मौत हो गई। जिसे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सांड की सेवा में लगे मो. सुलेमान बताते हैं कि करीब 14 वर्ष पूर्व हसनगंज बाजार स्थित दिवंगत डॉ. हरिश्चंद्र सरकार के घर एक बछड़े का जन्म हुआ था। जिसे उन्होंने खुला छोड़ दिया था। सांड को अपने मालिक से इतना गहरा लगाव था कि दिनभर वह कहीं भी रहे लेकिन रात होते ही वह उनके यहां आ जाता।

डा. साहब भी सांड को परिवार के सदस्य की तरह मानते थे। उन्होंने ही उसका नाम भोला रखा था। उसके खाने पीने का भी पूरा ख्याल रखते थे। डॉ. हरिश्चंद्र सरकार के निधन के पश्चात भोला के खान पान की व्यवस्था उनकी पुत्री नमिता सरकार करने लगी। कुछ दिनों से भोला के बीमार होने पर पूर्व जिप सदस्य पिन्टू सिंह के कहने पर पशु चिकित्सक द्वारा इलाज करवाया गया था। परंतु शुक्रकर को भोला सांड की मौत हो गई।। जिसे देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी।

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