Khagaria Bihar News: गंगा में डूबा 10 साल का मासूम, चर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़
Khagaria Bihar News बिहार के खगड़िया जिले में दस साल के मासूम बच्चे की गंगा में डूबने से मौत हो गई। इस हादसे के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दूसरी तरफ जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड़ आ गया है।
By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2022 10:31 AM (IST)
Khagaria Bihar News: जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत शनिवार की सुबह छोटी लगार गांव के एक 10 वर्षीय किशोर की मौत गंगा नदी के बाढ़ के पानी में डुबने से हो गई। मृतक किशोर की पहचान ननकु यादव के पुत्र आर्यन कुमार के रुप में हुई है। जानकारी के अनुसार किशोर खेल रहा था। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और गंगा के पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा। स्थानीय लोगों द्वारा जबतक निकाला जाता तब तक उसकी मौत हो गई थी। स्वजनों में किशोर की मौत से कोहराम मचा है। मौत की पुष्टि स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना यादव ने की है।
सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड़जागरण संवाददाता, खगड़िया: बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में खगड़िया की विशेष कोर्ट पाक्सो ने संज्ञान लेते हुए चार आरोपितों को सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। आरोपितों को निर्धारित तिथि को कोर्ट में उपस्थिति होने को कहा गया है। इससे इस बहुचर्चित मामले में नया मोड़ आ गया है। 2019 में शहर के एक मकान में नौकरानी की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने से खलबली मच गई थी। इस बाबत सामूहिक दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत कई को आरोपित करते हुए कांड संख्या 722-19 दर्ज कराया गया था।
इस मामले में आरोपितों द्वारा बचाव को लेकर काफी प्रयास किए गए। घटना की जांच विशेष रूप से करने के उपरांत वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नियंत्री पदाधिकारी, महिला अपराध कोषांग, अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार, पटना के द्वारा आरोपितों में अजय साह, आलोक साह, हारो यादव एवं अन्य को क्लीन चिट दे दी गई थी। अब पाक्सो कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए चार आरोपितों को सम्मन जारी करने का आदेश दिया है।आरोपितों को निर्धारित तिथि को कोर्ट में उपस्थिति होने को कहा गया है। इससे इस बहुचर्चित मामला में नया मोड़ आ गया है।मालूम हो कि 2019 में शहर के थाना रोड के एक मकान में नौकरानी की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया था। इस बाबत सामूहिक दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत कई को आरोपित करते हुए कांड संख्या 722-19 दर्ज कराया गया था। इस मामले में आरोपितों द्वारा बचाव को लेकर काफी प्रयास किए गए।
घटना की जांच विशेष रूप से करने के उपरांत वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नियंत्री पदाधिकारी, महिला अपराध कोषांग, अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार, पटना के समीक्षात्मक सह आरोपितों में अजय साह, आलोक साह, हारो यादव एवं अन्य को क्लीन चिट दे दी गई थी। पुलिस द्वारा इस मामले में 26-4-2022 को आरोप पत्र संख्या 119-2022 में एक आरोपित अर्जुन साह के खिलाफ मामले को सत्य पाकर कोर्ट को चार्ज सीट दिया गया था। आरोपितों पर लगे आरोपों की जांच व समीक्षात्मक रिपोर्ट में वरीय पदाधिकारी महिला अपराध कोषांग, अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार, पटना द्वारा पुरानी दुश्मनी का विस्तृत विवरण, जमीन विवाद के विभिन्न कारण, सीडीआर प्रतिवेदन का भी अवलोकन कोर्ट द्वारा किया गया।
कोर्ट ने केस डायरी के पैरा 116, 117, 118, 119, 120, 121 एवं अन्य की गंभीरता से अवलोकन करते हुए आरोपित अर्जुन साह, मारड़ दक्षिणी के आलोक साह उर्फ सतीश साह, बलुआही के हारो यादव, राजेंद्र नगर के अजय साह के विरुद्ध अभिलेख पर संज्ञान, पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए सामूहिक दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट, अन्य धाराओं में संज्ञान लिया है। पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता अजिताभ सिन्हा ने बताया कि पीड़िता को मुआवजा दिलाने को लेकर डीएम आलोक रंजन घोष से आग्रह किया गया है। अधिवक्ता का कहना हुआ कि कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद पीड़िता और उसकी मां को खतरा है। इसको लेकर वे सुप्रीम कोर्ट में भी रिट दाखिल करेंगे।।
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