खगडि़या : बूढ़ी गंडक की दस्तक को सुनिए, डा. रामनाथ अघोरी स्थान को बचाइए
खगडि़या बूढ़ी गंडक की दस्तक को सुनिए इस ऐतिहासिक स्थल को बचाइए। प्रसिद्ध तंत्र स्थल डा. रामनाथ अघोरी स्थान खगडिय़ा बूढ़ी गंडक के किनारे है अवस्थित बाढ़-कटाव का खतरा रहता है बना। कई मंदिर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 12:16 PM (IST)
अमित झा, खगडिय़ा। बूढ़ी गंडक नदी किनारे अवस्थित ऐतिहासिक स्थल अघोरी स्थान के परिसर में इस बार भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था। अगर बूढ़ी गंडक के जलस्तर में और वृद्धि होती, तो मंदिरों में पानी चला जाता। यहां डा. रामनाथ ओघर के मंदिर समेत दुर्गा जी, भगवती, बजरंगबली, पशुपति नाथ के मंदिर हैं।
अघोरी स्थान खगडिय़ा प्रसिद्ध तंत्र स्थल है, दूर दूर से साधक आते हैं यहां दूर दूर से तंत्र साधक आते हैं। नेपाल से भी अघोर पंथी साधक पहुंचते हैं। लेकिन यह स्थल बूढ़ी गंडक के कटाव की जद में है।फिलहाल कटाव तो नहीं है, लेकिन नदी किनारे रहने के कारण कब कटाव शुरू हो जाए, यह कहना भी मुश्किल है। यह स्थान खगडिय़ा नगर परिषद के वार्ड नंबर-24 में अवस्थित है। यहां के नगर पार्षद रणवीर कहते हैं- नप की ओर से इसके सौंदर्यीकरण को लेकर कई काम किए गए हैं। लेकिन कटाव पर स्थाई नियंत्रण को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग ही कुछ कर सकती है। वर्षों पूर्व यहां विभाग की ओर से बोल्डर पिचिंग और जीयो बैग का कार्य कराकर स्थान को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया। लेकिन आज भी दुर्गा जी की मंदिर का एक पीलर नदी के दवाब के कारण झुका हुआ है।
नप की ओर से यहां हाईमास्क लाइट लगाया गया है। सीढ़ी घाट और चारदीवारी का निर्माण भी किया गया है। एमजी मार्ग से अघोरी स्थान तक पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया है। पौधारोपण किया गया है। लेकिन इस पवित्र स्थल को बाढ़-कटाव से बचाने के लिए बड़े स्तर पर योजना बनाकर यहां कार्य करने की जरूरत है। जो बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगडिय़ा की ओर से ही किया जा सकता है। इस बार भी बूढ़ी गंडक की बाढ़ का पानी अघोरी स्थान परिसर में प्रवेश कर गया था। - रणवीर कुमार, नगर पार्षद, वार्ड नंबर 24, खगडिय़ा।
अघोरी स्थान स्थल का अवलोकन किया जाएगा। अवलोकन के बाद इसे पूर्ण रूप से सुरक्षित करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। - अख्तर जमील, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा।
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