Union Budget 2024: 11,500 करोड़ से बदलेगी कोसी-सीमांचल की तस्वीर, दो लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई सुविधा
केंद्र सरकार ने कोसी और सीमांचल की तस्वीर को बदलने की तैयारी कर ली है। 11500 करोड़ से कोसी-सीमांचल का कायाकल्प किया जाएगा। बहुप्रतीक्षित कोसी-मेची लिंक पर अब जल्द काम शुरू होगा। बजट के आवंटन के बाद दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसी के साथ जल प्रबंधन से बाढ़ विभीषिका पर अंकुश लगेगा। वहीं नदियों का प्रदूषण भी दूर किया जाएगा।
माधबेन्द्र, भागलपुर। कोसी और सीमांचल की तस्वीर जल्द ही बदल जाएगी। यहां बहुप्रतीक्षित कोसी-मेची अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना पर तो काम शुरू होगा ही, साथ 20 से अधिक योजनाओं को भी मूर्तरूप दिया जाएगा। बजट में इसके लिए 11,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कोसी और सीमांचल के जिलों की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ रही है। बरसात के समय कोसी और इसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ से कई इलाके डूब जाते हैं। पुल-पुलिया और सड़कें टूट जाती हैं या पानी के तेज बहाव के साथ बह जाती हैं। आवागमन ठप हो जाता है। सबसे ज्यादा नुकसान खेती-किसानी को होता है।
इस इलाके में जल प्रबंधन बड़ी चुनौती रही है। सरकार ने बजट में इस ओर ध्यान दिया है। कोसी-मेची अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना से जहां एक ओर अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों में दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पहुंचाई जा सकेगी।
वहीं, बाढ़-बरसात के समय कोसी के अतिरिक्त जल को मेची नदी के जरिये महानंदा में भेजकर जल प्रबंधन भी किया जाएगा। सुपौल के सांसद दिलेश्वर कामैत बताते हैं कि बिहार अक्सर बाढ़ को झेलता है और यह समस्या देश के बाहर से आती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति कम ही हो पाई है। केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।
इन परियोजनाओं पर किया जाएगा काम
11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। इसके साथ ही कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।कोसी-मेची लिंक
कोसी-मेची लिंक से लाभमेची महानंदा की सहायक नदी है। नदी जोड़ो परियोजना के तहत पूर्वी तटबंध से 76.20 किमी नहर बनाकर उसे मेची नदी से जोड़ा जाएगा, ताकि कोसी के पानी को मेची के जरिये महानंदा में भेजा जा सके और इन नदियों के बेसिन में नहरों का विकास कर सिंचाई सुविधा को विस्तार दिया जा सके।
इसके तहत अररिया में करीब 69 हजार हेक्टेयर, किशनगंज में 39 हजार हेक्टेयर, पूर्णिया में 69 हजार हेक्टेयर और कटिहार में 35 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा।बता दें कि कोसी-मेची नदी जोड़ो परियोजना 49 साल पहले ही बनाई गई थी। कतिपय कारणों से यह मूर्तरूप नहीं ले सकी। 2022 में इस परियोजना को स्वीकृति मिली। इस परियोजना में 1397 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
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