विक्रमशिला विश्वविद्यालय को लेकर आया नया अपडेट, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
भागलपुर में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भू-अर्जन विभाग रैयतों का सर्वे कर रहा है जिसके बाद उनके नाम प्रकाशित किए जाएंगे। फिर 60 दिनों तक दावा-आपत्ति ली जाएगी। जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक समिति जमीन की कीमत का निर्धारण करेगी जिसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी। लगभग 215 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
नवनीत मिश्र, भागलपुर। विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की जमीन के लिए जमीन मालिकों की पहचान शुरू हो गई है। भू-अर्जन विभाग की टीम रैयतों का सर्वे कर रही है।
रैयतों का नाम सामने आने के बाद इसे प्रकाशित किया जाएगा। अखबार में रैयतों का नाम प्रकाशित होने के बाद 60 दिनों के तक दावा-आपत्ति ली जाएगी।
इस दौरान जिलाधिकारी के स्तर से छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी के स्तर से जमीन की कीमत का निर्धारण किया जाएगा।
जमीन की कीमत का निर्धारण होने के बाद वाजिब रैयतों को नोटिस किया जाएगा। इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस प्रक्रिया में तीन माह का समय लग सकता है। तीन माह बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी 19 (1) के तहत सर्वे का काम चल रहा है।
215 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण
विक्रमशिला में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए करीब 215 एकड़ जमीन चिह्नित कर नजरी नक्शा के साथ अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव प्रमंडलीय आयुक्त के स्तर से भेजा गया था।
अंतिचक मौजा में 92 एकड़ 70 डिसमिल एवं मलकपुर मौजा में 84 एकड़ 33 डिसमिल जमीन रैयती है। 28 एकड़ 33 डिसमिल जमीन बिहार सरकार की है। सभी जमीन भीट टू दो फसला है। उक्त रैयती जमीन पर आम बगान भी है। करीब दो हजार पेड़ लगे हुए हैं। रैयती जमीन पर एक भी घर नहीं है। बसोवासी जमीन नहीं है।
बिहार सरकार की जमीन पर कुछ जगहों पर बासा किस्म की झोपड़ी है। अंतीचक की जमीन अर्जित करने के लिए मुआवजे की राशि 54 करोड़ 81 लाख 63 हजार 142 रुपये और मलकपुर के लिए 33 करोड़ 18 लाख 18 हजार 213 रुपये आंकी गई है, उक्त राशि की स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है। यह राशि जिला प्रशासन को प्राप्त हो गया है।
समयसीमा के अंदर विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का होगा जमीन अधिग्रहण
केंद्रीय शिक्षा विभाग के उपसचिव श्रेया भारद्वाज ने सूबे के शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण के लिए समयसीमा निर्धारित करने के कहा है।
उक्त पत्र के आलोक में शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर प्रस्तावित विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया में तेजी लाने व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक समयसीमा निर्धारित करने को कहा है।
इसके बाद जिलाधिकारी ने भू-अर्जन विभाग को केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर सक्रिय कर दिया है। कहा जा रहा है कि भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री का दौरा हो सकता है।
प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने कहलगांव आएंगे। 28 मार्च को एक दिवसीय दौरे पर आए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विक्रमशिला में बनने वाली केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए अर्जित की जाने वाली जमीन उनके नक्शे को देख विस्तार से जानकारी ली थी।
उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए 215 एकड़ जमीन अर्जन की स्वीकृति दे दी है। भू अर्जन प्रक्रिया के तहत होगी। सामाजिक आर्थिक आंकलन का कार्य चल रहा है।
स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नयी दिल्ली तैयार कर डीपीआर
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा विक्रशिला विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए नियुक्त कंसलटेंट, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. वीरेंद्र कुमार पाल व प्रोफेसर अभिजीत रस्तोगी ने विक्रमशिला के प्रस्तावित स्थल अंतिचक के आसपास का 15 सितंबर को दौरा किया था।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए डीपीआर बनाएगी। भू-अर्जन व डीपीआर अप्रूवल के बाद प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत विक्रमशिला विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण आरंभ हो जाएगा।
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