मंजूषा महोत्सव 2021: बिहार को देखना समझना है तो आइए मंजूषा महोत्सव, आपके लिए हर जरूरी सामान यहां उपलब्ध
मंजूषा महोत्सव 2021 बिहार को देखना और समझना हो तो आपको मंजूषा महोत्सव आना होगा। यहां पर बिहार की लगभग हर कलाओं से आप रूबरू हो सकते हैं। साथ ही आपके जरूरत की कई सामान भी यहां पर उपलब्ध है।
By Abhishek KumarEdited By: Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मंजूषा महोत्सव के आयोजन को लेकर सैंडिस कंपाउंड का माहौल बदला बदला नजर आ रहा है। महोत्सव में हजारों की भीड़ जुट रही है। बिहार के अलग अलग जिलों से आए हस्तशिल्पियों की कला देख लोग अभिभूत हो जा रहे हैं। घर की जरूरत की सामग्री हो या बच्चों के खिलौने। सर्दी से बचने के लिए खादी के गर्म कपड़े खरीदना हो या अपनी प्रियतमा के लिए सिल्क की साड़ी।
अपने घर के बुजुर्ग के लिए खादी का कुर्ता-धोती खरीदना हो या मां-दादी के लिए सूती साड़ी। सभी चीजें मंजूषा महोत्सव में उपलब्ध है। वह भी बाजार से कम कीमत पर। इस कारण दिन भर मंजूषा महोत्सव में भीड़ लगी रहती है। शाम में यह भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। मंजूषा महोत्सव घूमने आए राजीव अपनी पत्नी के लिए मधुबनी पेंटिंग और मंजूषा पेंटिंग वाला दुपट्टा पसंद कर रहे थे।
-कोरोना से आजादी का उत्सव सरीखा है मंजूषा महोत्सव- अपने स्वजनों के साथ मंजूषा महोत्सव देखने पहुंच रहे हैं लोग
- लोगों को भा रहा है गया, हाजीपुर, पटना, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा और भागलपुर के हस्तशिल्प
राजीव ने कहा कि कोरोना के कारण बीते दो वर्ष से कोई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा था। पहली बार मंजूषा महोत्सव जैसा कार्यक्रम हो रहा है। पत्नी और बच्चों के साथ यहां आकर अच्छा लग रहा है।
सुनीता देवी ने अपने लिए मंजूषा पेंटिंग वाला पर्स खरीदा। सुनीता ने कहा कि 450 रुपये में मैंने पर्स खरीदा है। मंजूषा अंग की लोक कला है। ऐसे आयोजन से निश्चित रूप से मंजूषा का गौरव बढ़ेगा। दीप, कप, पेन स्टैंड, पर्स, साड़ी, दुपट्टा सभी पर मंजूषा पेंटिंग दमक रहा है। मंजूषा को जीओ टैग भी मिल गया है। आने वाला कल मंजूषा का होगा। अंजना कुमारी के स्टाल पर सिल्क की साडिय़ां उपलब्ध है। अंजना ने कहा कि भागलपुरी सिल्क की साड़ी पर मंजूषा पेंटिंग बनने के बाद उसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ जाती है। स्टाल पर 25 सौ से सात हजार तक की साडिय़ां उपलब्ध है। हाजीपुर से अबरार अहमद के स्टाल पर हैंड ब्लाक पेंट किया हुआ सलवार सूट, घाघरा आदि उपलब्ध है। 250 से 850 रुपये तक का सूट युवतियों को खूब भा रहा है।
कैमूर से आए शाहबउद्दीन ने कहा कि वाराणसी सिल्क, मूंगा सिल्क, मोनिका सिल्क आदि की साड़ी उपलब्ध है। मेला में आई प्रिया कुमारी ने कहा कि कोरोना संकट अब समाप्त हो गया है। यहां आने वाली भीड़ कोरोना से आजादी के उत्सव की मुनादी सरीखा है। महोत्सव में वर्न वूड, कशीदाकारी, टिकुली कला आदि के स्टाल भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।