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Bihar News: JLNMC में अब हिंदी में भी होगी MBBS की पढ़ाई, ऐसा कारनामा करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा बिहार

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। दो दिन पहले पटना में स्वास्थ्य मंत्री के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसे नए सत्र से ही लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बिहार हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा।

By Mihir Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 15 Jun 2024 09:09 AM (IST)
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अब जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हिंदी में भी होगी एमबीबीएस की पढ़ाई। (सांकेतिक फोटो)
मिहिर कुमार , भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JLNMC) में अब हिंदी में भी एमबीबीएस (बैचलर आफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) की पढ़ाई होगी। दो दिन पहले पटना में स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई वरीय अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। नए सत्र (सितंबर 2024) से ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बिहार (JLNMC) हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा।

कब क्या हुआ?

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि हिंदी माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था शुरू कराने के लिए टीम का गठन किया गया था। जिसमें शामिल सदस्यों को मध्य प्रदेश भेजा गया।

सात दिन तक टीम ने वहां के मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, प्रोफेसर एवं छात्रों से बात की। जिसे बैठक में प्रोजेक्टर के माध्यम से वरीय अधिकारियों के सामने रखा गया। सबकुछ जानने-समझने के बाद जेएलएनएमसी में हिंदी में पढ़ाई शुरू कराने का निर्णय लिया गया।

टीम ने सदस्यों ने इसे क्रांतिकारी फैसला मना है। मेडिकल कॉलेज के छात्रों व प्रोफेसरों ने कहा कि एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होने से छात्र ज्यादा समझ पाएंगे। अपनी बातों को भी बेहतर तरीके से रख पाएंगे।

किताब का नमूना सबों को आया पसंद

बैठक में टीम के सदस्यों द्वारा एमबीबीएस की हिंदी की किताबों का नमूना दिखाया गया। पूछा गया कि इन किताबों को देखकर बताएं कि क्या मेडिकल के टेक्निकल शब्द को समझने में परेशानी होगी।

सभी प्राचार्य एवं अधीक्षक ने किताब का अवलोकन करने के बाद पाया कि उसमें जो बातें लिखी गई हैं वह सटीक और आसान भाषा में हैं। जिसे समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

हिंदी माध्यम के छात्रों की परेशानी होगी खत्म

नई व्यवस्था लागू होने से हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी दूर हो जाएगी। दरअसल, मेडिकल की पढ़ाई में जिन अंग्रेजी शब्दों का उपयोग होता है, वह बेहद कठिन होता है। हिंदी माध्यम के छात्र इसे आसानी से समझ नहीं पाते। अब कक्षा हिंदी में भी होगी।

मेडिकल का महत्वपूर्ण टर्म केवल अंग्रेजी में होगा। अब छात्र परीक्षा भी हिंदी में दे सकेंगे। हालांकि अगर कोई छात्र अंग्रेजी में देना चाहते हैं तो वे उसके लिए भी स्वतंत्र होंगे।

अब एनाटॉमी नहीं शरीर रचना विज्ञान कहेंगे छात्र

हिंदी माध्यम से पढ़ाई आरंभ होते ही एनाटामी को अब छात्र शरीर रचना विज्ञान के नाम से पुकारेंगे। इसी तरह बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलाजी, मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक को शरीर रचना विज्ञान, जैव रसायन शास्त्र, शरीर क्रिया विज्ञान, औषधि और शल्य क्रिया विज्ञान कहा जाएगा।

बिहार में कहां-कहां है सरकारी मेडिकल कॉलेज

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर, सरकारी मेडिकल कॉलेज बोतिया, एआइआइएमएस पटना, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ़्फ़रपुर, पटना मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल पटना, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस शेखपुर, वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पावापुरी नालंदा, जेकेएनटी मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल मधेपुरा, नालंदा मेडिकल कॉलेज पटना और अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया।

क्या कहते हैं JLNMC अधीक्षक?

नीट का रिजल्ट आ चुका है। संभावना है कि एमबीबीएस में नामांकन सितंबर से आरंभ हो जाए। नए छात्रों की कक्षा हिंदी में भी होगी। किताबें भी हिंदी में होंगी। ऐसे में उन छात्रों की परेशानी दूर हो जाएगी जिनकी अंग्रेजी कमजोर है।- डॉ. राकेश कुमार, अधीक्षक, जेएलएनएमसी

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