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मिलिए बिहार की मिनी नेहा कक्कड़ कुमकुम से... जमुई में ट्रक चालक की बेटी को रहनुमा का इंतजार

बिहार की मिनी नेहा कक्कड़ कुमकुम को ये नाम उसे जानने वालों ने उसकी आवाज सुनकर दिया है। ट्रक चालक की बेटी कुमकुम बहुत बेहतरीन अंदाज में गाती है। मानो उसके कंठ में सरस्वती विराजमान हो लेकिन घर की आर्थिक स्थिति के चलते उसके इस हुनर को पहचान...

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 03:19 PM (IST)
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अपने माता-पिता के साथ कुमकुम, 15 अगस्त को हुई संगीत गाते हुए वायरल।
मणिकांत, जमुई: कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। कोई भी बाधा प्रतिभा को आगे बढ़ने सो रोक नहीं सकती। जरूरत है सिर्फ प्रतिभा को मौका देने की। इसी एक मौके की तलाश में सदर प्रखंड के थेगुआ गांव से आने वाली एक ट्रक चालक की 11 साल की बेटी कुमकुम है। ऐसे तो कुमकुम पिछले कई सालों से गीत गुनगुनाते आ रही है। यू ट्यूब के जरिए वह गीत को गाने का रियाज भी करती आ रही है लेकिन वो इंटरनेट मीडिया पर तब वायरल हो गई जब बीते 15 अगस्त को स्कूल में देशभक्ति गीत गाते उसका एक शिक्षक ने वीडियो बनाया और उसे इंटरनेट मीडिया पर छोड़ दिया। इसके बाद से उसके साथी और गांव के लोग कुमकुम को कहने लगे कि तुम वाकई अच्छा गाती हो।

कुमकुम को लगने लगा कि अगर सही तरीके से संगीत सीख जाए तो वो एक अच्छा सिंगर बन सकती है। कुमकुम अब संगीत को साधना के रूप में लेकर गायिका बनना चाहती है लेकिन एक छोटे गांव से आने वाली कुमकुम यह सोचकर उदास हो जाती है कि उसके माता-पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो कैसे उसे संगीत की शिक्षा मिल पाएगी। वो हर रोज संगीत साधना करती है। पिता के फोन से संगीत सुनती है या फिर मोहल्ले के लोगों के फोन से।

नेहा कक्कड़ जैसा बनना है-कुमकुम

कुमकुम का कहना है कि वो गायिका नेहा कक्कड़ को अपना आदर्श मानती है और उनके द्वारा गाए हुए गीतों को यू ट्यूब पर देखकर गाने का रियाज करती है। कुमकुम गांव के ही विद्यालय में सातवीं कक्षा की छात्रा है। वह पढ़ाई के साथ-साथ संगीत का भी रियाज करती है। बताती है कि उसे नेहा कक्कड़ दीदी से बहुत उम्मीद है और उसे पूरा भरोसा है कि अगर वो उसके द्वारा गाए हुए गीतों को सुनेगी तो जरूर उसे एक प्लेटफार्म देगी ताकि वो आगे बढ़ सके।

कुमकुम के पिता सुनील यादव ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनका कहना है कि उनकी इच्छा है कि बेटी एक सिंगर बने लेकिन वो अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर लाचार व बेवश हैं। कुमकुम को एक फरिश्ते की दरकार है जो उसके सपनों को पूरा कर सके। कुमकुम ऊंची उड़ान भरना चाहती है, आसमान भी खुला है लेकिन उसे तलाश है एक मौके की।

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