Bihar News: बिहार में रसोइयों के लिए खुशखबरी... इतने रुपये तक बढ़ सकता है मानदेय, राज्य सरकार को भेजा गया प्रस्ताव
Bihar News Today बिहार के मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइयों के लिए अच्छी खबर है। अगर आगामी पीएम पोषण के प्रोग्राम अप्रूव्ड बोर्ड में मानदेय पर बात बनी तो राज्य भर के सभी रसोइयों का मानदेय 1000 से बढ़कर 3000 हो जाएगा। कुछ दिनों में केंद्र सरकार के पीएम पोषण योजना के प्रोग्राम अप्रूव्ड बोर्ड की बैठक होने वाली है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar News: राज्य भर के मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइयों के लिए खुशखबरी है। अगर आगामी पीएम पोषण के प्रोग्राम अप्रूव्ड बोर्ड में मानदेय पर बात बनी तो राज्य भर के सभी रसोइयों का मानदेय 1000 से बढ़कर 3000 हो जाएगा।
गुरुवार को भागलपुर पहुंचे प्राथमिक शिक्षा सह पीएम पोषण मध्याह्न भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि बिहार राज्य के स्कूलों में कार्यरत मध्याह्न भोजन के रसोइयों के मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है। कुछ दिनों में केंद्र सरकार के पीएम पोषण योजना के प्रोग्राम अप्रूव्ड बोर्ड की बैठक होनी है। जिसमें राज्य से मानदेय बढ़ाने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
रसोइयों का मानदेय काफी कम है। इसलिए हम लोगों ने केंद्र सरकार को इनका मानदेय 1000 से बढ़ाकर 3000 करने का प्रस्ताव भेजा है। साथ ही साथ राज्य सरकार से मिलने वाली 650 रुपए की राशि को बढ़ाने की भी पहल की जा रही है। अगर दोनों स्थिति में बात बनती है तो यह रसोइयों के लिए काफी फायदेमंद होगा। आपको बता दे की मानदेय बढ़ाने को लेकर बिहार राज्य रसोईया संघ द्वारा कई बार बड़े पैमाने पर हड़ताल भी किया है।
वहीं, भागलपुर पहुंचे मध्याह्न भोजन निदेशक द्वारा डायट खिरनी घाट स्थित प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर में बच्चों के संग मध्यान भोजन का स्वाद भी लिया। उन्होंने गुरुवार के मेन्यू चावल, मिश्री दाल और हरी सब्जी का स्वाद लिया था। साथ ही साथ वहां मौजूद बच्चों से खाने के बारे में पूछताछ की। बच्चों ने बताया कि खाना हमेशा अच्छा ही आता है। और खाने का स्वाद अच्छा रहता है।इस दौरान उनके साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, एमडीएम डीपीओ आनंद विजय, डीपीओ स्थापना देवनारायण पंडित ने भी भोजन किया। एमडीएम खाने के गुणवत्ता पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि खान का स्वाद अच्छा था।
बच्चों से भी बातचीत करके लगा कि खाना हर रोज अच्छा आता है। इसके बावजूद भी हम लोग लगातार या प्रयास कर रहे हैं कि बच्चों को जो मध्यान भोजन मिलता है उसके गुणवत्ता और पौष्टिकता का हमेशा ख्याल रखा जाए। साथ ही इसे और बेहतर कैसे करें। इस पर हमारी टीम काम कर रही है।यह भी पढ़ेंMuslim in Bihar: ये हैं बिहार के टॉप 5 मुस्लिम आबादी वाले जिले, इस शहर में तो हिंदू से भी अधिक है जनसंख्या
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