Pakistani Women in Bhagalpur: पाकिस्तानी महिला इमराना पर 3 साल से गृह मंत्रालय की नजर, फिर भी करती रही सरकारी नौकरी
Pakistani Women in Bhagalpur भागलपुर में सालों से रह रहीं दो पाकिस्तानी महिलाओं के मामले में जांच तेज हो गई है। इससे पहले वर्ष 2022 में ही गृह मंत्रालय ने इमरान खानम के इमराना खातून बनकर भागलपुर में रहने की जानकारी देते हुए प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई थी। तब पुलिस के साथ एटीएस ने भी इसकी जांच की थी।
जाागरण संवाददाता, भागलपुर। Pakistani Women in Bhagalpur वर्ष 2022 में गृह विभाग की रिपोर्ट आती है, जिसमें यह लिखा होता है कि इमराना खानम जो पाकिस्तानी महिला है, वह इमराना खातून बनकर भागलपुर में रह रही है। इस विषय में जांच रिपोर्ट दें। इसके बाद मामला हाईलाइट होता है संबंधित थाना यानी इसाकचक के द्वारा 2022 से लगातार कई बार इस मामले की समय-समय पर जांच की जाती है। इसके बाद यह रिपोर्ट जिला प्रशासन को मिलती है।
इसके अलावा इमराना से जुड़े लोगों के मुताबिक 2023 में इस मामले की जांच एटीएस के द्वारा भी की गई थी और उसकी रिपोर्ट संबंधित मुख्यालय को भी दी गई थी। आखिर वह रिपोर्ट क्या थी अब यह जो थाने के द्वारा जिला प्रशासन को दी गई और एटीएस के द्वारा मुख्यालय को दी गई। इमरान खानम उर्फ इमराना खातून 13 वर्षों से शिक्षा विभाग में पोस्टेड है।
उनके पाकिस्तान से जुड़ी शिकायतों का एक भी पत्र शिक्षा विभाग को आज तक नहीं मिला है। जिससे शिक्षा विभाग इस बात की जांच करवा पता कि इमराना की डिग्री कब और कैसे मिली। या वह पाकिस्तानी है। वहीं खबर छपने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि खबर के माध्यम से ही इसकी जानकारी मिली है। यह क्या मामला है इसकी जांच करने के लिए नगर निगम के विद्यालय अवर निरीक्षक को निर्देश दिया जा रहा है। ताकि सत्यता की जांच कर इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराएं।
इमराना बोली, मैं यही कि हूं मूल निवासी
इमराना को 25 अगस्त को सिक लीव के बाद स्कूल ज्वॉइन करना था। लेकिन अचानक तबीयत खराब होने की वजह से उन्होंने फिर मेडिकल लीव के लिए अप्लाई किया है। सोमवार को इमराना अपने घर पर ही मौजूद थी। उन्होंने बताया कि वह हृदय रोग से ग्रसित है। आए दिन उनकी तबीयत खराब होती है। उन्होंने पाकिस्तान से आने का दावा पूरी तरह से फर्जी बताया है।
उन्होंने यह बताया कि बूथ लेवल आफिसर फरजाना खातून से उनके अनबन चलती है। उसी के वजह से यह सब हो रहा है। वह मेरे जमीन पर ही मेरे घर में 40 वर्षों से किराए पर रह रही है। पहले वह किराया देती थी लेकिन अब वह किराया भी नहीं देती है।
उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता के निधन के बाद भीखनपुर में ही रहने वाली उनकी खाला गोशिया खानम ने उनका पालन पोषण किया है। वहीं स्थानीय लोगों ने भी बताया कि बूथ लेवल आफिसर फरजाना की नौकरी और उनके पति जो वर्तमान में शाहकुंड में शिक्षक हैं। उसकी भी नौकरी इमराना के पति मौलवी इब्रूल हसन ने ही लगवाई थी। 2018 में मौलवी इबनुल हसन का इंतकाल हो गया है।
इबनूल हसन ने की थी दूसरी शादी पाकिस्तानी लड़की से
इमराना खानम उर्फ इमराना खातून के पति इबनूल हसन का शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा नामहै। उन्हें 2006 में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। इबनूल हसन मदर मदरसा इस्लामिया कैथाटीकर के प्राचार्य थे। उनसे जुड़े उनसे जुड़े जानकार बताते हैं कि मौलवी साहब ने पहली पत्नी के इंतकाल के बाद दूसरी शादी की थी। जो एक पाकिस्तानी मूल की महिला थी।
कहां गई पुलिस की रिपोर्ट, जो शिक्षा विभाग को नहीं मिली
- - 2022 के बाद इमराना खातून से जुड़े मामले में इशाकचक थाने सहित एटीएस ने भी की जांच
- शिक्षा विभाग ने इमराना खातून के मामले में नगर निगम के विद्यालय अवर निरीक्षक को सत्यता की जांच कर मांगी रिपोर्ट
- सोमवार को इमराना को आना था स्कूल लेकिन तबीयत खराब होने के कारण फिर से ली मेडिकल लीव
- इमराना बोली बूथ लेवल आफिसर फरजाना 40 वर्षों से यहां रह रही रेंट भी नहीं देती
- इमराना के पति मौलवी इबनुल हसन को 2006 में मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार, चर्चा यह कि उन्होंने की थी पाकिस्तानी लड़की से शादी
पासपोर्ट 1956 का तो जन्म भारत में 1966 में कैसे हुआ
गृह विभाग के द्वारा जारी विदेशी पासपोर्ट नंबर 981093/1956 जो जनवरी महीना 1956 का बताया गया है। जिसमें इस बात का जिक्र है कि इमराना खानम नाम की महिला 3 साल के वीजा पर पाकिस्तान इस समय पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रंगूर से भारत आई थी। लेकिन शिक्षा विभाग के रिपोर्ट में इमराना खातून का 2 मार्च 1966 अंकित है। अब यह सवाल है कि कोई महिला जन्म से पहले ही भारत पहुंच गई। या भारत आने के बाद इस महिला ने अपना पहचान छुपाते हुए नए जन्म की तारीख और अपना नाम बदला। यह बहुत ही बाद जांच का विषय है।
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