Bihar News: संसद में किस सांसद ने सबसे ज्यादा उठाई बिहार की आवाज? जनार्दन सिंह टॉप पर, चिराग और ललन सिंह ने पूछे इतने सवाल
बिहार से लोकसभा में मौजूदगी दर्ज कर रहे सांसदों की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि किस सांसद ने सबसे कम सवाल पूछे हैं। पीआरएस लेजिस्टेटिव रिसर्च की साइट पर दर्ज विवरण के अनुसार लोकसभा में प्रश्न पूछने के मोर्चे पर राज्य के बड़े नाम वाले कई सांसदों की भूमिका छोटी है। रिकॉर्ड कहता है कि मंत्री प्रश्न नहीं करते बल्कि प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार से लोकसभा में मौजूदगी दर्ज कर रहे सांसदों की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि किस सांसद ने सबसे कम सवाल पूछे हैं।
पीआरएस लेजिस्टेटिव रिसर्च की साइट पर दर्ज विवरण के अनुसार, लोकसभा में प्रश्न पूछने के मोर्चे पर राज्य के बड़े नाम वाले कई सांसदों की भूमिका छोटी है। रिकॉर्ड कहता है कि मंत्री प्रश्न नहीं करते, बल्कि प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
राज्य के कुछ सांसद, जो नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में मंत्री थे और बाद में हट गए, वे अब सांसद की भूमिका में प्रश्न नहीं पूछ पा रहे। पूछते भी हैं तो उनकी संख्या कम रहती है। पूर्व मंत्री राधामोहन सिंह और रविशंकर प्रसाद इसी श्रेणी में हैं। प्रश्न पूछने में पहली बार जीते कई सांसद बहुत पीछे हैं।
सिवान की कविता देवी और समस्तीपुर के प्रिंस राज के नाम 10-15 प्रश्न दर्ज हैं। लोजपा सांसद महबूब अली कैसर का लोकसभा में दूसरा टर्म है। इस बार उन्होंने कुल आठ प्रश्न पूछे हैं। नवादा के चंदन सिंह के नाम 65 प्रश्न दर्ज हैं। चिराग पासवान ने मात्र 69 प्रश्न पूछे हैं।
देखा जाए तो प्रश्न पूछने के मामले में जदयू सांसद आगे हैं। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल का है। सदन में नियमित उपस्थिति कम दर्ज करवा पाए, लेकिन अधिक उपस्थित दर्ज करवाने वाले कई सांसदों को प्रश्न पूछने के मामले में उन्होंने पीछे छोड़ दिया है।
अजय मंडल का कहना है कि वह सदन के साथ संसदीय क्षेत्र में प्रवास पर अधिक जोर देते हैं। सदन में वह जनता की मांग उठाते हैं। एक सांसद सत्र के दौरान एक दिन में पांच प्रश्न का नोटिस दे सकता है, जिसका उन्होंने भरपूर प्रयोग किया।
सांसद ने कहा कि वह सदन में जनता की मांग उठाने गए थे। जिसका उन्होंने 100 प्रतिशत पालन किया है। क्षेत्र की समस्याओं से संबंधित प्रश्न सदन में करने का परिणाम है कि कई लंबित एवं नई परियोजना धरातल पर आई है।
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