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Bihar Politics : Nitish Kumar कोसी से साध रहे सीमांचल और पूर्वी बिहार का समीकरण, फिर अपनाई पुरानी रणनीति

Bihar Politics बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने मधेपुरा को कैंप कार्यालय बना लिया है। यहां से वे सीमांचल और पूर्वी बिहार के समीकरण को साधने में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी पुरानी रणनीति को ही एक बार फिर से आजमाने का मन बनाया है।

By Yogesh Sahu Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 22 Apr 2024 06:02 PM (IST)
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Bihar Politics : Nitish Kumar कोसी से साध रहे सीमांचल और पूर्वी बिहार का समीकरण, फिर अपनाई पुरानी रणनीति
शंकर दयाल मिश्रा, भागलपुर। Bihar Politics : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मधेपुरा में कैंप कर रहे हैं। वे यहां से फिलहाल पूर्वी बिहार और सीमांचल की राजनीति को साधने में लगे हैं। दूसरे चरण की पांच सीटों में तीन पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज सीमांचल की हैं, जबकि भागलपुर और बांका, पूर्वी बिहार में आती हैं।

चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2014 के चुनाव से ही मधेपुरा से कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार की सीटों पर प्रचार अभियान को गति देते रहे हैं। 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां 10 दिनों तक कैंप किया था।

यहीं से हेलीकाप्टर से चुनाव प्रचार (Lok Sabha Election 2024) को निकलते थे। यह इलाके की सीटों पर नजदीकी नजर रखने की कवायद मानी जाने लगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज छोड़ अन्य सीटों पर जदयू और उसके सहयोगी दल को सफलता मिली।

2015 एवं 2020 के विधानसभा चुनावों में भी सफलता दर बेजोड़ रहा। पिछले चुनावों और इस बार के प्रचार में बदलाव भी देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री इलाके में रोड शो भी कर रहे हैं। सभाओं में विकास कार्यों के साथ-साथ राज्य में 2005 के पहले की स्थिति का भी स्मरण करा रहे हैं।

नई पीढ़ी को जंगलराज की हकीकत के साथ अल्पसंख्यक समुदाय को उनके लिए किए गए कार्यों को गिना रहे हैं। यह वोट में कितना तब्दील होगा, भविष्य बताएगा। भाजपा के बड़े नेताओं के साथ मंच साझा करते समय वे यह जरूर बोल रहे हैं कि अब कहीं नहीं जाएंगे।

प्रचार थमने के एक दिन पहले लौटेंगे पटना

इस बार मुख्यमंत्री पहले चरण के मतदान के दिन यानी 19 अप्रैल को ही मधेपुरा आ गए थे। यहीं से उनका हेलीकाप्टर आसपास के लोकसभा क्षेत्रों के लिए उड़ान भरता है और शाम ढलने ही उन्हें लेकर मधेपुरा आ जाता है।

दूसरे चरण का प्रचार थमने के एक दिन पहले यानी 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री पटना लौटेंगे। इस चरण के लिए 26 वोटिंग होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए पुन: 29 अप्रैल को मधेपुरा लौटेंगे और पांच मई तक कैंप करेंगे।

तीसरे चरण के चुनाव के लिए मतदान सात मई को होना है। तीसरे चरण में कोसी की सुपौल एवं मधेपुरा, सीमांचल की अररिया, मिथिलांचल की झंझारपुर एवं पूर्वी बिहार की खगड़िया सीट के लिए वोटिंग होगी।

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