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ट्रैक की स्पीड लिमिट बढ़ाने में रेल प्रशासन के उड़ गए होश, CRS की स्वीकृति मिलने के बाद भी नहीं ली गई कोई सुध

मलादा-साहिबगंज-भागलपुर-किऊल रेलखंड पर रेलवे ट्रेकों की स्पीड क्षमता 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने के लिए मलादा से किऊल तक सीआरएस हुआ था और करीब 15 से 16 माह पहले ट्रैक की स्पीड बढाने की सीआरएस से स्वीकृति भी मिल गई थी लेकिन अब तक इसके लिए कोई कारगर पहल नहीं की गई है। इस रेलखंड पर ट्रैक की क्षमता बढाने से ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जाती।

By Alok Kumar Mishra Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 16 Jun 2024 04:12 PM (IST)
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ट्रैक की स्पीड लिमिट बढ़ाने में हांफ रहा रेल प्रशासन (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मालदा-साहिबगंज-भागलपुर-किऊल रेलखंड के ट्रैकों की स्पीड क्षमता 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने में रेल प्रशासन हाफ रहा है। ट्रैकों की क्षमता नहीं बढ़ने से ट्रेनों की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं बढ़ सकी है।

ट्रैकों की स्पीड बढाने के लिए मालदा से किऊल तक 15 से 16 सीआरएस हुआ था। 14 माह पहले ट्रैक की स्पीड बढ़ाने की सीआरएस से स्वीकृति भी मिल गई थी, लेकिन अब तक संबंधित विभाग के अभियंता द्वारा इसके लिए कारगर पहल नहीं की जा सकी है।

इन रेलगाड़ियों के परिचालन में करना पड़ेगा बदलाव

ट्रैक की क्षमता बढाने से इस रेलखंड में ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़कर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाती। इससे विक्रमशिला एक्सप्रेस, एलटीटी एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस, दानापुर-भागलपुर इंटरसिटी, जनसेवा एक्सप्रेस, जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस, गया-हावड़ा एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस सहित भागलपुर से खुलने वाली और इस रेलखंड की चलने वाली ट्रेनों के परिचालन समय में बदलाव हो सकता है।

थिक वेब स्विच लगाए जाएंगे

10-15 मिनट तक ट्रेनों के परिचालन समय घटाया जा सकता है। इससे यात्रियों को सुविधा होगी। ट्रैक की स्पीड क्षमता 110 से बढाकर 130 किमी प्रतिघंटा करने के लिए सभी पुराने स्विच को हटाकर थिक वेब स्विच लगाना पड़ेगा।

मालदा से किऊल के बीच रेलवे ट्रैक की स्पीड 110 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा किया जाना है। ट्रैकों की स्पीड क्षमता बढ़ाने के लिए 15-16 महीने पूर्व सीआरएस भी हो चुका है। सीआरएस की स्वीकृति भी मिल गई है।

अभी इतनी स्पीड़ से चलती हैं मालदा से किऊल के बीच ट्रेन  

इसके बाद भी अब तक ट्रैकों की स्पीड क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकी है। अभी भी मालदा से किऊल के बीच 110 किलोमीटर प्रतिघंटा तक ही ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार ट्रैकों की स्पीड बढाने के लिए मालदा, भागलपुर, साहिबगंज, बड़हरवा, जमालपुर सहित इस रेलखंड की सभी स्टेशनों पर जहां से प्वॉइंट क्रॉसिंग शुरू होता है।

वहां से यानी ईस्ट पैनल और वेस्ट पैनल तक कर्व स्विच को हटाकर थिक वेब स्विच बदलना पड़ेगा। हरेक स्टेशन पर आठ-आठ थिक वेब स्विच क्रासिंग प्वाइंट पर लगाना पड़ेगा।

सिग्रनलिंग गियर होंगे हाई स्पीड

सिग्नल सिस्टम का भी आधुनिकीकरण यानी सिग्नलिंग गियर को हाई स्पीड करना होगा। भागलपुर से किऊल की दूरी 99 किलोमीटर है, जबकि मालदा से किऊल के बीच की दूरी 324 किलोमीटर है। हालांकि इस साल के अंत तक ट्रैक की स्पीड क्षमता 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने का दावा किया जा रहा है।

स्विच बदलने का काम है जारी

स्विच बदलने और सिग्नलिंग गियर को हाई स्पीड करने का काम इंजीनियरिंग को-आर्डिनेशन विभाग का काम है। प्वाइंट बदलना है। ट्रैक को मजबूत करना है।

धीरे-धीरे थिक स्विच बदलने का काम भी किया जा रहा है। थिक स्विच बदलने और सिग्नलिंग सिस्टम की आधुनिकीकरण काम के लिए हरेक स्टेशन पर ब्लाक लेना पड़ेगा।

उपकरण की आपूर्ति हो रही है। मंत्रालय के आदेशानुसार इस साल के अंत तक कब तक ट्रैकों की स्पीड क्षमता बढ़ाने की योजना है।- शिव कुमार प्रसाद, एडीआरएम मालदा मंडल।

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