अब रेलवे लाइन के किनारे लहलहाएंगे फल व फूल के पौधे
किशनगंज । हरियाली मिशन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा रेल लाइनों के किनार
किशनगंज (अमितेष)। हरियाली मिशन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा रेल लाइनों के किनारे खाली पड़ी परती जमीनों पर फलदार, शोभादार व फूलदार पौधे लगाने की एक प्रोजेक्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजी गई है। इस प्रोजेक्ट के अनुसार सबसे पहले किशनगंज के अलुआबाड़ी-ठाकुरगंज रेल लाइन किनारे आठ किलोमीटर में माउंट बनाकर लगभग आठ हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके बाद कोसी-सीमांचल के विभिन्न जिलों में इस योजना का विस्तार किया जाएगा। वन विभाग का मानना है कि इससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि सौंदर्यीरकण व पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नॉर्थ ईस्ट का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला किशनगंज को विकसित करने के लिए वन विभाग के द्वारा भी सार्थक प्रयास किया जा रहा है। वन विभाग का मानना है कि दार्जी¨लग, गंगटोक, गुवाहाटी यानी नॉर्थ ईस्ट की ओर जाने वाले रेल यात्रियों को किशनगंज से ही प्राकृतिक छटा दिखने को मिले। इन्हीं संभावनाओं को तलाशते हुए रेलवे लाइन किनारे खाली पड़ी परती जमीन पर पौधरोपण करने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जिसके तहत रेल लाइन किनारे शोभादार, फलदार, फूलदार और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इससे न सिर्फ खाली पड़ी परती जमीन का उपयोग हो सकेगा बल्कि हरियाली मिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वन विभाग द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट के अनुसार अलुआबाड़ी-ठाकुरगंज रेल लाइन किनारे लगभग आठ किलोमीटर में माउंट बनाकर पौधरोपण किए जाएंगे। जलजमाव को देखते हुए इस आठ किलोमीटर में बांस भी लगाने की योजना है। इसके अलावा मुख्य रूप से जामुन, अर्जुन, पानी गम्हार, अमलतास, गुलमोहर, जड़हुल समेत अन्य पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए अररिया जिले के कुसियारी गांव उद्यान व किशनगंज जिले के विभिन्न नर्सरी में पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
पूर्णिया के वन प्रमंडल पदाधिकारी डीके दास का कहना है कि रेलवे लाइन किनारे खाली पड़ी पड़ी परती जमीनों पर फलदार, शोभादार व फूलदार पौधे लगाने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार कर सरकार प्रस्ताव को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर किशनगंज जिले के अलुआबाड़ी-ठाकुरगंज रेलखंड पर इसकी शुरूआत की जाएगी।