Pakistani Women in Bhagalpur: 5 दशक बाद Bihar SIR ने खोला राज, अब दो पाकिस्तानी महिलाओं की तलाश में जगह-जगह छापेमारी
Pakistani Women in Bhagalpur बिहार एसआइआर ने पांच दशक बाद बड़ा राज खोल दिया है। बिहार के भागलपुर में सालों से रह रहीं दो पाकिस्तानियों का भेद खुलने के बाद उनकी तलाश में पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। भारतीय नागरिकता नहीं होने के बावजूद इन्होंने अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा लिया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Pakistani Women in Bhagalpur मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। भागलपुर में पुनरीक्षण में यह सामने आया है कि दो पाकिस्तानी महिलाएं पांच दशक से यहां रह रहीं और उन्होंने अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा लिया। भारतीय नागरिकता नहीं होने के बावजूद ये 2 महिलाएं यहां रह रहीं।
इन दोनों पाकिस्तानी महिलाओं ने भारत में ही शादी की। एक पाकिस्तानी महिला तो सरकारी स्कूल में शिक्षिका भी है। इसने अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कैसे बिना भारतीय नागरिकता हासिल किए ये भारत की वोटर बनीं।
अब पुलिस इनकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है, लेकिन ये मिल नहीं रहीं। इनके आधार को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा, स्कूल में हाजिरी कब तक लगाई इसे भी पता किया जा रहा। यह भी जानकारी ली जा रही है कि इन्होंने कितनी बार मतदान किया।
बता दें कि भागलपुर में रह रहीं दो पाकिस्तानी नागरिक ने भारत में अपना आधार कार्ड बनवाया। और अब हर चुनाव में मतदान भी कर रहीं हैं। बिहार एसआइआर के दौरान पकड़ी गई इस भारी गड़बड़ी के बाद गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
इस बीच एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची में नाम शामिल कराने लिए आधार को मान्य बताया है। जबकि ये दोनों पाकिस्तानी महिलाएं तीन महीने के वीजा पर भारत आईं और भूमिगत हो गईं। यहीं शादी करने के बाद नागरिकता की जानकारी छुपाकर भारत की मतदाता बन गई। अब पुलिस इनकी तलाश कर रही है।
अंतिम बार एक जुलाई को बनाया आनलाइन अटेंडेंस
नगर निगम के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय बरहपुरा में तैनात शिक्षिका इमराना खातून उर्फ इमराना खानम जो मूल रूप से पाकिस्तानी महिला है। वह भागलपुर जिला शिक्षा विभाग में 34540 कोटे से शिक्षक है। 18 जुलाई 2013 से इमराना खातून नगर निगम क्षेत्र के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय बरहपुरा में पदस्थापित है।
इससे पहले वह नारायणपुर प्रखंड के किसी स्कूल में पदस्थापित थी। शनिवार को जब उनके स्कूल का निरीक्षण किया गया तो वह स्कूल में नहीं थी। प्रधानाध्यापक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह शनिवार और रविवार दो दिन के लिए सिक लिव पर है। वहीं प्रधानाध्यापक ने बताया कि इमराना 23 जुलाई 2025 से मेडिकल अवकाश पर थीं।
इमराना खातून ने 17 अगस्त को विद्यालय में दोबारा योगदान किया था। वहीं शिक्षा विभाग के ई शिक्षा कोष के रिपोर्ट के मुताबिक उनकी हाजिरी 1 जुलाई को अंतिम बार आनलाइन के माध्यम से बनाई गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उसके बाद से उन्होंने जिस दिन भी हाजिरी बनाई है वह मैनुअल तरीके से बनाई है।
इमराना ने मैट्रिक और इंटर पास किया भागलपुर से
इमराना खातून का मैट्रिक वर्ष 1983 में एमएन फतेहपुर से हुआ था। जबकि इंटर 1989 में एमएम स्कूल से हुआ था। इसके अलावा डीएलएड पीटीटीसी भागलपुर से हुआ था। उनकी नियुक्ति बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में 31 जनवरी 2012 को हुई थी।
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