सिवान-छपरा में जहरीली शराब से 'कोहराम', भागलपुर में भी खतरे के बादल; अबतक 17000 लीटर बरामद
बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है। छपरा और सिवान में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद अब भागलपुर में भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। 2022 में भागलपुर में भी संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं प्रशासन जहरीली शराब से मौतों की पुष्टि करने से बच रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बीच छपरा और सिवान जिले में जहरीली शराब पीने से एक दर्जन लोगों की मौत हो जाने से भागलपुर में भी खौफ की स्थिति बन गई है। यहां भी वर्ष 2022 में 14 लोगों की मौत संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने के बाद हुई थी। 12 मार्च 2022 से संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से हुई मौत का सिलसिला तत्कालीन एसएसपी बाबूराम के नेतृत्व में चलाए गए सघन अभियान बाद थमा था।
होली के पूर्व नाथनगर अंचल थानाक्षेत्र में फंटुश यादव, संतोष गुप्ता, बाइपास के कैलाश दास, विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र के विनोद राय, संदीप यादव, मिथुन कुमार, नीलेश कुमार, गौराडीह के सुदीन यादव, रोहित यादव, गुलशन यादव, संतोष कुमार, कजरैली के चक्रधर प्रसाद साह, अरुण यादव, अदित्य कुमार उर्फ चुन्ना के अलावा कोतवाली थानाक्षेत्र निवासी कारोबारी आनंद सिंघानिया की मौत हुई थी।
पहले गई आंखों की रोशनी, फिर मौत के मुंह में समा गए
जहरीली शराब पीने से अभिषेक कुमार उर्फ छोटू साह की आंख की रोशनी चली गई थी। जहरीली शराब पीनेवालों की पहले आखों की रोशनी चली गई, फिर उपचार के दौरान वे मौत के मुंह में समा गए थे। हालांकि, तब हुई उन मौतों को जहरीली शराब पीने से मौत होने की पुष्टि जिला प्रशासन करने से बचती रही थी।छपरा और सिवान में अबतक एक दर्जन लोगों की जहरीली शराब पीने से हुई मौत मामले में भी अबतक हुई मौत को जहरीली शराब पीने से मौत होने की पुष्टि करने से प्रशासन बच रही है, लेकिन भागलपुर में पूर्व में जहरीली शराब पीने से हुई मौत की घटना को लेकर यहां भी खतरा मंडराने लगा है। त्योहारी सीजन में झारखंड और पश्चिम बंगाल सीमा से तस्करी कर चोरी-छिपे शराब की तस्करी की जा रही है।
जिला पुलिस ने चलाया सघन अभियान
जिला पुलिस की टीम, रेल पुलिस और आबकारी विभाग की टीम के सघन अभियान में जनवरी 2024 से अबतक 17 हजार लीटर से अधिक देशी-विदेशी शराब बरामद की जा चुकी है। छोटे-बड़े तस्करों की गिरफ्तारी की संख्या में भी बीते इन नौ महीने में तीन सौ का आंकड़ा पार कर चुका है। पुलिस-आबकारी टीम की सख्ती के बीच होली-दीपावली मौके पर इसकी अधिक मांग को देखते हुए तस्कर स्थानीय स्तर पर भी शराब तैयार करने लगते।स्थानीय स्तर पर तैयार की जाने वाली शराब को अंग्रेजी शराब की तरह दिखाने के लिए बोतल, रैपर आदि झारखंड से मंगाए जाते हैं। वर्ष 2022 में जहरीली शराब से भागलपुर जिले में हुई मौत की छानबीन के दौरान पुलिस ने झारखंड के गोड्डा-दुमका जिले से रैपर और बाटलिंग करने के गोदाम में छापेमारी की थी। उस दौरान यह सच उजागर हुआ था कि विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र में जहरीली शराब पीने मामले के तार जुड़ गए थे।
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- शराबबंदी के बाद गिरफ्त में आए शराब तस्करों की छानबीन में यह बात सामने आ चुकी है कि जिले में झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, नगालैंड, मेघालय के अलावा पंजाब और हरियाणा से भी शराब आती रही है।
- बड़े मालवाहक कंटेनरों, ट्रकों के अलावा लग्जरी गाड़ियों में भी छिपा कर बड़े पैमाने पर धारीवाल गिरोह, चेतन थापा गिरोह, छोटू कंपनी सरीखे तस्करों के कई छोटे-बड़े गिरोह शराब की तस्करी में लगे हुए हैं।