Priyanka Gandhi VS Chirag Paswan: पीएम मोदी के हनुमान जैसा मैजिक भी न दिखा सकी प्रियंका गांधी, फार्मूला हुआ फेल
Priyanka Gandhi VS Chirag Paswan चुनाव में जीत हार के बाद एक बात और मायने रखती है। वो है प्रभाव। किसने जनता के बीच अपना कितना प्रभाव डाला। जमुई सांसद चिराग पासवान इस मामले में प्रियंका गांधी से आगे हैं।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जीत हार के बाद तीसरी सबसे बड़ी बात इफैक्ट की हो रही है क्योंकि सबसे मजबूत विपक्ष बनकर उभरे सपा के लिए अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा वोट प्रतिशत पिछली बार की अपेक्षा बढ़ा। मानें, जनता के बीच उन्होंने प्रभाव डाला है। ऐसे में कांग्रेस की बात करनी भी जरूर हो जाती है। प्रियंका गांधी, जिन्होंने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे के साथ चुनावी मैदान में थीं लेकिन वे कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सकीं। कांग्रेस यूपी चुनाव में कुल वोट का मात्र 2.33 फीसदी वोट हासिल कर सकी। इसकी तुलना यदि खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले जमुई सांसद चिराग पासवान से करें, तो ये खर्च से लेकर वोट प्रतिशत तक, कई मायनों में बहुत कम है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान एंड पार्टी ने एनडीए गठबंधन से अलग हट अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया था। हालांकि, यह भी साफ स्पष्ट रहा कि लोजपा उन जगहों पर अपने कैंडिडेट नहीं उतारेगी, जहां से बीजेपी चुनावी मैदान में है। 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' कैंपेन के साथ चुनावी मैदान में उतरी चिराग पासवान की पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली, जबकि पार्टी ने 135 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस पूरे चुनाव में चिराग का जनाधार उनके वोट प्रतिशत के साथ ही बढ़ा। चिराग पासवान की पार्टी को 24 लाख वोट मिले। वहीं खर्च करने की बात करें तो बिहार चुनाव में तकरीबन पांच करोड़ रुपये ही खर्च किए गए।
नहीं चला प्रियंका का मैजिक
उत्तर प्रदेश चुनाव पूरे जी जान से लगी प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन के साथ एंट्री ली। वे कभी झाड़ू लगाते दिखाई दी, तो कभी गंगा में डुबकी लगाते हुए। टैग लाइन लड़की हूं, लड़ सकती हूं की हुंकार भर आगे भी बढ़ी लेकिन इन सबका यूपी की जनता पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। नतीजतन 403 सीटों पर प्रत्येश कांग्रेस प्रत्याशी पर तकरीबन 25 लाख रुपये खर्च करने वाली कांग्रेस मात्र दो सीटें ही जीत सकी। वोट प्रतिशत भी नहीं बढ़ा। हेलिकाप्टर से लेकर स्टेज और अन्य सामाग्री समेत लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च करने वाली कांग्रेस को यूपी में 21 लाख वोट मिले।
यहां ये भी बता दें कि बिहार चुनाव का ऐलान जब हुआ था, तभी चिराग पासवान के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो गया था। वे आधा चुनाव खत्म होने तक पिता के श्राद्ध कर्म आदि में बिजी थे। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि प्रियंका गांधी चिराग पासवान की तरह चुनाव लड़ती तो शायद उनका जनाधार बढ़ता।