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लखपति बनाने का सपना दिखा करोड़ों डकारने वाली प्रिया बनर्जी समेत तीन की संपत्ति होगी कुर्क; 2014 में दर्ज हुआ था केस

वर्ष 2009 में प्रतिज्ञा हाउसिंग फाइनेंस एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड ने भागलपुर में कई ब्रांच खोले थे। ब्रांच से जुड़े कई पदाधिकारियों और एजेंटों ने निवेशकों को चंद दिनों में लखपति बनाने का सपना दिखा उनसे मोटी रकम निवेश करा ली थी। थोड़े दिनों बाद हेराफेरी कर कंपनी के कई पदाधिकारी भाग गए। ब्रांच में रातों-रात ताला लटक गया। निवेशकों ने खूब हंगामा किया।

By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 20 Feb 2024 03:14 PM (IST)
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लखपति बनाने का सपना दिखा करोड़ों डकारने वाली प्रिया बनर्जी समेत तीन की संपत्ति होगी कुर्क
जागरण संवाददाता, भागलपुर। लखपति बनाने का सपना दिखा भागलपुर के निवेशकों का करोड़ों डकारने वाली प्रतिज्ञा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की प्रिया बनर्जी, सोमा बनर्जी और संबित बनर्जी की संपत्ति कुर्क होगी। आर्थिक अपराध इकाई पटना की टीम की अर्जी पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, भागलपुर ने तीनों फरार आरोपितों के विरुद्ध संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है।

आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर संजय कुमार कोर्ट का आदेश लेकर आगे की कार्रवाई के लिए रवाना हो गए। वर्ष 2009 में प्रतिज्ञा हाउसिंग फाइनेंस एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड ने भागलपुर में कई ब्रांच खोले थे। ब्रांच से जुड़े कई पदाधिकारियों और एजेंटों ने निवेशकों को चंद दिनों में लखपति बनाने का सपना दिखा उनसे मोटी रकम निवेश करा ली थी।

थोड़े दिनों बाद हेराफेरी कर कंपनी के कई पदाधिकारी भाग गए। ब्रांच में रातों-रात ताला लटक गया। निवेशकों ने खूब हंगामा किया। कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में दीप्तेन बनर्जी के अलावा उसकी पत्नी सीमा बनर्जी, बेटा संबित बनर्जी की शाखा खोलने और शाखा में पदाधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा एजेंटों की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

कंपनी पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जुड़ी थी। निवेशकों की शिकायत पर ईओयू ने जांच शुरू की। प्रवर्तन निदेशालय से भी संपर्क साधा गया। पता चला कि कंपनी आरबीआइ और सेबी के नियमों का उल्लंघन कर भारी निवेश करा रही थी।

नौ साल पूर्व आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज किया था केस

नौ साल पूर्व 23 दिसंबर 2014 को कंपनी के निदेशक मंडल से जुड़े डेढ़ दर्जन कंपनी अधिकारियों को आर्थिक अपराध इकाई थाने के थानाध्यक्ष मुहम्मद मोकीम ने नामजद आरोपित बनाया था। भागलपुर के भीखनपुर इस्लामनगर निवासी फैयाज आलम की सूचना पर केस दर्ज करने की कवायद की गई थी।

निदेशक मंडल में शामिल श्रेया बनर्जी, सीमा बनर्जी, सुनीता गुवालेवाल, प्रियेश गुवालेवाल, मुहम्मद सरफराजुद्दीन, मुत्युंजय कुमार, विकास द्विवेदी, मुकेश जिनवाल, परमजीत ठाकुर आदि आरोपित बनाए गए थे।

पांच जुलाई 2019 को जारी किया गया था वारंट

आरोपित दीप्तेन बनर्जी, संबित बनर्जी, श्रेया बनर्जी, सीमा बनर्जी के विरुद्ध पांच जुलाई 2019 को आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर ने वारंट जारी करने की अर्जी न्यायालय में दी थी। जिसके बाद दीप्तेन, संबित और श्रेया को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन कोलकाता के अलीपुर न्यायालय के एसीऐएम ने तब पेशी के बाद सशर्त तदर्थ अंतरिम जमानत इस शर्त पर दी थी कि दो सप्ताह के अंदर भागलपुर सीजेएम न्यायालय में सदेह उपस्थित हो अपना पक्ष रखेंगे। किंतु आरोपितों ने न्यायालय के आदेश का अब तक पालन नहीं किया है।

जिसके बाद दीप्तेन, संवित, श्रेया और सीमा बनर्जी के विरुद्ध फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था। अब गिरफ्तारी के भय से वे भागे-भागे फिर रहे हैं। नतीजा आर्थिक अपराध इकाई की अर्जी पर संपत्ति कुर्क करने का आदेश सीजेएम न्यायालय, भागलपुर ने जारी कर दिया है।

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