केंद्र एवं राज्य सरकार से मिले दो उपहार, दोनों बेकार; अब अस्पताल हर माह खर्च कर रहा करीब दो लाख
Bhagalpur News जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन के दो प्लांट लगाए गए थे। इनमें से एक केन्द्र तो दूसरा राज्य सरकार ने लगवाया था। अब ना तो केन्द्र का प्लांट काम कर रहा है और न ही राज्य सरकार का। इसके चलते मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल को हर माह करीब दो लाख रुपया खर्च करना पड़ रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 26 Nov 2023 01:55 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो, इसके लिए एक नहीं दो प्लांट यहां लगाए गए। एक ऑक्सीजन प्लांट केंद्र ने तो दूसरा राज्य सरकार ने उपहार के रूप में दिया।
अस्पताल को मिले दोनों उपहार बेकार
अस्पताल को मिला दोनों उपहार बेकार हो गया है। परिणाम मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल को हर माह करीब दो लाख रुपया खर्च करना पड़ रहा है। यह सिलेंडर अस्पताल आउटसोर्स एजेंसी से ले रहा है।
अस्पताल में लगा तीसरा ऑक्सीजन प्लांट अभी काम कर रहा है। शुक्रवार को हुए मॉक ड्रिल में जिस प्लांट से ऑक्सीजन निकलना चाहिए वह 20 माह से बंद पड़ा है। दो हजार एलपीएम का पीएसए प्लांट अक्टूबर 2022 से सर्विसिंग का इंतजार कर रहा है।
दर्जनों बार मुख्यालय को लिखा पत्र
एक नहीं दर्जनों बार इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने पत्र मुख्यालय को लिखा आज तक कुछ हुआ नहीं। वहीं 300 एलपीएम का ऑन-साइट ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट दो फरवरी 2022 से फायर सेफ्टी विभाग पटना से लाइसेंस मिलने का इंतजार कर रहा है। मुख्यालय से मंत्रालय तक कई बार पत्र लिखा गया हुआ कुछ नहीं।
वहीं, अस्पताल परिसर में 20 केएलडी क्षमता का क्रायोजनिक ऑक्सीजन प्लांट अभी मरीजों के लिए वरदान बना है। इस प्लांट के टैंक में ऑक्सीजन भरने के बाद इस प्लांट से सीधे अस्पताल के मरीजों के बेड तक पहुंचाया जा रहा है। यहां से हर रोज 18 से 20 घंटे तक ऑक्सीजन दिया जा रहा है। शेष चार घंटे रोजाना जंबो सिलिंडर से मरीजों को ऑक्सीजन दिया जाता है।
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