तत्काल का फंडा : 17 घंटे में दिल्ली, 12 घंटे टिकट के लिए खड़े रहते हैं यात्री, रेलवे की रुला देने वाली यात्रा
तत्काल का फंडा महापर्व के बाद परदेस जाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ी। ट्रेनों में आरक्षण की लंबी प्रतिक्षा सूची नहीं कट रही टिकटें। तत्काल टिकट कटाने के लिए 24 घंटे में तीन बार चार्ट बदला गया। जबकि एक ही चार्ट बनना चाहिए था।
केएम राज, जमालपुर (मुंगेर)। महापर्व के बाद परदेस जाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। पर्व में शामिल होने के लिए लोग किसी तरह घर तो पहुंच गए, पर वापसी में ट्रेन में आरक्षण नहीं मिलने के कारण परदेशियों की परेशानी दुगनी हो गई है। टिकट तत्काल के लिए यात्रियों को 10 से 12 घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। रात नौ बजे से ही सुबह के 10 बजे तक आरक्षण काउंटर के पास नंबर लगाकर खड़ा रहने को मजबूर है। इसके बाद भी टिकटें कंफर्म नहीं मिलने से निराशा ही हाथ लग रही है। जमालपुर से दिल्ली का सफर तय करने में विक्रमशिला एक्सप्रेस से 17 घंटे का समय लगता है, पर यहां कंफर्म तत्काल टिकट के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
दरअसल, जमालपुर जंक्शन होकर दिल्ली के लिए आठ ट्रेनें हैं। इसी तरह हावड़ा के लिए चार ट्रेनें है। मुंबई के लिए सप्ताह में पांच दिन ही ट्रेन है। सभी ट्रेनों में वापसी के लिए टिकट नहीं है। किसी भी लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकटों की स्थिति वेटिंग है। ऐसे में लोगों को जाने के लिए तत्काल ही सहारा है। एसी श्रेणी में सफर करने के लिए तत्काल की टिकटें ट्रेन के खुलने से एक दिन पहले सुबह 10 बजे से और स्लीपर क्लास में सुबह 11 बजे से कटती है। यात्री टिकट कटने के एक दिन पहले ही आरक्षण काउंटर पर पहुंच रहे हैं। नंबर भी लगा रहे हैं, लेकिन कई यात्रियों को टिकटें नहीं मिल रही है।
24 घंटे में तीन बार बदला गया नंबर
तत्काल में टिकट कटाने के लिए 24 घंटे में तीन बार चार्ट बदल दिया गया। जबकि एक ही चार्ट होना चाहिए। पहला चार्ट में कोई एक नंबर में खड़ा है। दूसरा आया और चार्ट को हटाकर दूसरा चार्ट लगा दिया। स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर ऐसे में तीन बार तत्काल का चार्ट बना। यहां एजेंट और दबंगों की पूरी तरह मनमानी दिखती है। इसमें आरक्षण काउंटर कर्मी की भी पूरी तरह मिलीभगत रहती है। यात्री मुकेश कुमार व अन्य ने चार्ट बदलने को लेकर हंगामा भी किया। आरपीएफ की पहल पर मामला शांत हुआ।
बुधवार की रात 12.50 बजे जागरण की टीम जमालपुर स्थित आरक्षण टिकट काउंटर पहुंची। टिकट काउंटर के कुछ लोग गहरी नींद में सोए थे। कुछ देर बाद जगाने के बाद एक यात्री उठा और बताया कि सभी 10 बजे से ही तत्काल टिकट के लिए नंबर लगाया है। अगले दिन यानी गुरुवार की सुबह 10 बजे से एसी और 11 बजे स्लीपर क्लास की टिकटें मिलेगी।
गुरुवार की सुबह 7.35 बजे। काउंटर के बाहर तत्काल टिकट कटाने वालों की भीड़ है। काउंटर अभी नहीं खुला है। आठ बजे काउंटर खुलने का समय है। इस बीच कुछ यात्री आपस में भीड़ गए। शोर-शराबा सुनकर आरपीएफ भी पहुंची। आरपीएफ ने मामले काे शांत कराया। यात्री जबरन तत्काल नंबर में नाम अंकित करने की बातें कर रहे थे।
गुरुवार की सुबह 10 बजे। तत्काल काउंटर पर एसी श्रेणी की टिकटें कट रही थी। शुरुआत के नंबर वाले कुछ यात्रियों की टिकटें कटी भी। चौथे नंबर के बाद वाले यात्री काउंटर पर पहुंचे तो संबंधित ट्रेन की टिकटें फुल हो गई थी। ऐसे में यात्री निराश होकर लौट गए। अब शुक्रवार को भी फिर से तत्काल की टिकटें कटाने के लिए प्रयास करेंगे।
तत्काल काउंटर पर नंबर यात्री खुद अपना नाम लिखते हैं। उनकी उपस्थिति काउंटर पर रहना अनिवार्य है। आरपीएफ कतारबद्ध कराकर टिकटें कटवाती है। काउंटर पर किसी तरह का हंगामा न हो इसके लिए आरपीएफ पूरी तरह सक्रिय रहती है। तत्काल के समय जवान काउंटर के पास हर दिन रहते हैं। आरक्षण क्लर्क ही नंबर चार्ट पर मुहर लगाता है। -मुकेश कुमार सेप्ट, इंस्पेक्टर, आरपीएफ।