KK Pathak News बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के छिड़ी रार का असर शिक्षकों-कर्मचारियों और पेंशनरों पर पड़ रहा है। टीएमबीयू के 25 सौ पेंशनर और एक हजार कार्यरत शिक्षक-कर्मचारी खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं। इन पेंशनरों को तीन महीने का पेंशन भुगतान अब तक नहीं हुआ है। वहीं कार्यरत शिक्षक और कर्मचारी को भी फरवरी और मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं हो सका है।
संवाद सूत्र, नाथनगर (भागलपुर)। राजभवन और शिक्षा विभाग में रार छिड़ी हुई है। शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक आदि को विभागीय बैठक में बुलाया गया था।
राजभवन की अनुमति नहीं मिलने के कारण कुलपति और विश्वविद्यालय के अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी।
इस कारण जहां पेंशनरों के पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है। वहीं, टीएमबीयू में कार्यरत एक हजार-शिक्षक कर्मियों के वेतन का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
वेतन-पेंशन के अभाव में होली का उमंग फीका पड़ गया तो अब ईद की खुशियों पर भी ग्रहण लग गया है।
2500 पेंशनरों को तीन माह का पेंशन भुगतान नहीं हुआ
शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच छिड़ी रार में टीएमबीयू के 25 सौ पेंशनर और एक हजार कार्यरत शिक्षक-कर्मचारी खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं। टीएमबीयू के लगभग 2500 पेंशनरों को जनवरी, फरवरी और मार्च महीने के पेंशन का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।
वहीं, कार्यरत शिक्षक और कर्मचारी को भी फरवरी और मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। हालांकि, विश्वविद्यालय ने आंतरिक श्रोत से बीते माह तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को अग्रिम राशि का भुगतान किया, तब उनकी होली मनी थी।
पीएल खाते पर भी लगी है रोक
शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी से अब तक कई बार बैठक बुलाई, लेकिन कुलपति एक बार भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके बाद 15 मार्च से ही विभाग ने विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर रोक लगा दी। पीएल खाते के संचालन पर भी रोक लगी है। बताते चलें कि पीएल खाते में ही वेतन-पेंशन की राशि आती है।
क्या कहते हैं शिक्षक नेता
शिक्षा विभाग की बैठकों में शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनरों को तो शामिल होना नहीं था, जिन्हें शामिल होना था, वे शामिल नहीं हुए तो इसके लिए शिक्षक, कर्मचारी, पेंशनर कैसे दोषी हो गए। शिक्षा विभाग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। अविलंब शिक्षक-कर्मचारियों का वेतन पेंशन भुगतान कराई जाए।
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प्रो. जगधर मंडल, महासचिव, भुस्टा
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