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छात्र बने गुरुजी... मास्टर साहब नदारद, KK Pathak के राज में ये क्या? पूछने पर प्रिंसिपल ने दिया गजब का जवाब

KK Pathak बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पूरी ताकत झोक रहे हैं। विभाग से छात्रहित में लगातार नए-नए फैसले लिए जा रहे हैं। विद्यालयों की खराब व्यवस्था को सुधारने के लिए अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। हालांकि कुछ स्कूलों की स्थिति अब तक नहीं सुधरी है। वहीं सवाल करने पर प्रिंसिपल ने इसका कारण बताया।

By Ashutosh Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 03 Apr 2024 01:36 PM (IST)
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छात्र बने गुरुजी... मास्टर साहब नदारद, KK Pathak के राज में ये क्या? (फाइल फोटो)
संवाद सूत्र, कहलगांव। पकड़तल्ला स्थित प्राथमिक विद्यालय आमापुर कुलकुलिया डेढ़ माह से टैग होकर मध्य विद्यालय कुलकुलिया सेतपुरा के परिसर में चल रहा है। यहां प्राथमिक विद्यालय संचालन के लिए एक कमरा दिया गया है। इसी एक कमरे में प्राथमिक विद्यालय की पांच कक्षाएं चलतीं हैं। बच्चे बेंच पर किसी तरह सट-सटकर बैठते हैं। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक कार्यरत हैं और 183 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।

पकड़तल्ला गांव से यह स्कूल करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। गांव से काफी दूर होने के चलते आधे से भी कम बच्चे स्कूल में पठन-पाठन के लिए आते हैं। मध्याह्न के बाद तो बच्चों की संख्या काफी कम रह जाती है। जागरण की टीम मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे स्कूल गई तो कक्षा में 35 बच्चे ही मात्र मौजूद थे। एक छात्र इन्हें पढ़ा रहे थे। प्रधानाध्यापक स्कूल के काम से बाजार गए थे। सूचना मिलते ही वे स्कूल पहुंचे।

प्रधानाध्यापक पंकज कुमार चौधरी ने बताया कि सभी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए भागलपुर गए हैं। उन्होंने बताया कि एक ही कमरे में कक्षा एक से तीन एवं चार से पांच तक के बच्चों को दो कतार में बैठाकर पढ़ाया जाता है। कक्षा में एक ही ब्लैकबोर्ड है। ज्यादा बच्चे आने पर मध्य विद्यालय के कक्षा में बैठाया जाता है।

आंगनबाड़ी केंद्र भी परिसर में संचालित

मध्य विद्यालय कुलकुलिया सेतपुरा में 10 कमरा है। इसके नौ कमरे में मध्य विद्यालय के बच्चे पढ़ते हैं। एक कमरा प्राथमिक विद्यालय संचालन के लिए दिया गया है। मध्य विद्यालय में 582 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इस बार 79 बच्चे आठवीं कक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र भी परिसर में संचालन हो रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र का अपना एक कमरा और रसोई घर है।

मध्य विद्यालय स्कूल परिसर में करीब आठ सौ बच्चों के लिए मात्र दो शौचालय ही है। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग एक-एक शौचालय है। बच्चों को शौच करने या यूरिनल के लिए लाइन में खड़े होकर अपनी पारी का इंतजार करना पड़ता है। यहां पेयजल की समस्या नहीं है। स्कूल के शिक्षकों ने आधा दर्जन शौचालय एवं दो कमरे का निर्माण कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस व्यवस्था में बच्चे क्या पठन-पाठन करते होंगे।

राशि गबन के कारण नहीं हो सका भवन का निर्माण

प्राथमिक विद्यालय आमापुर कुलकुलिया पकड़तल्ला में वर्ष 1958 से ही संचालित है। विद्यालय भवन काफी जर्जर हो गया है। यहां नया भवन निर्माण के लिए सात लाख रुपये स्वीकृत हुआ था, लेकिन सभी राशि प्रधानाध्यापक पंकज कुमार चौधरी ने निर्माण के नाम पर निकाल लिया और भवन की नींव भी पूरी नहीं हो पाया था। इस अनियमितता पर प्रधानाध्यापक के ऊपर मुकदमा हुआ था और वेतन से राशि कटौती हुई थी।

जर्जर भवन से बच्चों की सुरक्षा के लिए विद्यालय को प्राथमिक विद्यालय हरिजन टोला में टैग किया गया था। वहां विद्यालय कुछ माह तक चला था। ग्रामीणों के विरोध पर दोबारा पकड़तल्ला में ही संचालित किया जाने लगा था। डेढ़ माह से विद्यालय मध्य विद्यालय में चल रहा है। प्रधानाध्यापक पंकज कुमार चौधरी ने बताया कि भवन निर्माण के लिए 30 लाख रुपये स्वीकृत हुआ है। विद्यालय में चार कमरा बनना है। जल्द कार्य शुरू हो जाएगा।

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