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टेकानी मालगोदाम को इस बार मिला महज एक हजार का टोकन मनी... हावड़ा और दूसरे शहरों से यहां माल की होती है लोडिंग

इस बार के बजट में मालदा मंडल के टेकनी मालगोदाम की उपेक्षा की गई। इसे केवल एक हजार रुपये का टोकन मनी दिया गया। पहले से इसके लिए कई फंड घोषित किए गए थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 10:08 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 10:08 AM (IST)
इस बार के बजट में मालदा मंडल के टेकनी मालगोदाम की उपेक्षा की गई।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। एक फरवरी को पेश हुए आम बजट में भले ही रेल क्षेत्र में विकास के लिए बड़ी राशि की घोषणा की गई है। लेकिन, मालदा रेल मंडल में पुरानी योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। इस बजट में भागलपुर से सटे टेकानी गुड्स यार्ड (मालगोदाम) को टोकन मनी से ही संतोष करना पड़ा। मालगोदाम में शेड विकसित करने के नाम पर एक हजार रुपये का टोकन मनी का आवंटन किया गया है। रेलवे ने यह संदेश दिया है कि इस मालगोदाम के विकास पर मंत्रालय की नजर है। टेकानी रेलवे यार्ड दो वर्ष पहले चालू हुआ था। पहले मालगाडिय़ों से सामान की अनलोङ्क्षडग भागलपुर होती थी। ट्रेनों की संख्या बढऩे और यार्ड में जगह की कमी के कारण भागलपुर से रेलवे यार्ड को टेकानी में शिफ्ट कर दिया गया, इसके बाद टेकानी में ही व्यापारियों का सामान उतरता है।

शेड नहीं, खुले में रहता है सामान

टेकानी गुड्स यार्ड को चालू हुए दो वर्ष से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक यहां शेड का निर्माण नहीं हो सका है। शेड नहीं होने से व्यापारियों का सामान मालगाडियों से उतरने के बाद खुले में रहता है। बरसात में सामान खराब होने की भी संभावना बनी रहती है। इस बार बजट में शेड के नाम पर राशि की खानापूरी की गई है। शेड नहीं बनने से यहां के व्यापारियों में नाराजगी भी है। मालदा रेल मंडल के डीआरयूसीसी के सदस्य अभिषेक जैन ने टेकानी गुड्स यार्ड में शेड निर्माण की मांग करते हुए इसके लिए अलग से बड़ी राशि देने की मांग रेलवे बोर्ड और महाप्रबंधक से की है।

हर माह एक दर्जन से ज्यादा मालगाड़ी पहुंचती

टेकानी गुड्स यार्ड में हर सप्ताह तीन से चार मालगाडिय़ां पहुंचती है। महीने में 14 से 15 मालगाडिय़ों से सामान की अनलोङ्क्षडग होती है। यहां खाद्य-पदार्थ से लेकर सीमेंट और दूसरों सामान को व्यापारी मंगवाते हैं। टेकानी माल गोदाम में भागलपुर के अलावा बांका और झारखंड के व्यापारियों का सामान पहुंचता है, लेकिन यार्ड में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। पानी से लेकर बिजली तक अभाव है। ऐसे में इस बार भी बजट में शेड की सुविधा के नाम पर कोरम पूरा किया गया है।  


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