शर्मनाक : मां-पिता के साथ मिलकर छोटे भाई ने बड़े भाई को गड़ासे से काट डाला
सुरेश झारखंड के टाटा नगर में रहकर ड्राइवर का काम करता था। उसकी एक छह माह की बेटी है। पहले घर में दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ। इसके बाद मारपीट होने लगी।
By Dilip ShuklaEdited By: Updated: Fri, 19 Apr 2019 03:42 PM (IST)
भागलपुर [राजेश कुमार सिंह]। गोराडीह थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर दिनदहाड़े आशीष मंडल ने पिता शिवनारायण मंडल और मां हीरा देवी के साथ मिलकर अपने बड़े भाई सुरेश मंडल (32) की बेरहमी से काटकर मार डाला। सुरेश घर में अपना हिस्सा मांग रहा था। इसी विवाद में शाम को झगड़ा शुरू हो गया। सुरेश को गड़ासे से काटते समय जब उसकी पत्नी गीता बचाने गई तो उस पर भी परिवार वालों ने हमला कर दिया। घटना में गीता, उसकी सास हीरा देवी और सास शिवनारायण घायल हुए हैं। पुलिस ने शिवनारायण उसकी पत्नी हीरा और बेटे आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। गीता समेत शिवनारायण और हीरा को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शरीर शांत होने तक गड़ासे से करता रहा वार प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरेश गड़ासे से वार से बचने के लिए घर से सड़क पर निकल कर भागने लगा। लेकिन उसे आशीष ने पिता और मां की मदद से सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर काट डाला। सुरेश पर वह तब तक वार करता रहा। जब तक उसका शरीर शांत नहीं हो गया। घटना के दौरान गांव वाले मूकदर्शक बने रहे और वीडियो बनाते रहे। किसी ने सुरेश को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उसे बचाने के लिए कोई आगे बढ़ता था तो आशीष उसी की तरफ गड़ासा लेकर दौड़ जाता था। इस कारण किसी ने उसे बचाने की हिम्मत नहीं की।
पत्नी पर भी कर दिया था हमला
गांव वालों के मुताबिक सुरेश झारखंड के टाटा नगर में रहकर ड्राइवर का काम करता था। उसकी एक छह माह की बेटी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहले घर में दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ। इसके बाद मारपीट होने लगी। इसी बीच आशीष ने गड़ासा निकाल कर भाई सुरेश पर हमला कर दिया। इसमें उसका साथ हीरा और शिवनारायण ने दिया। माता-पिता ने सुरेश को पकड़ लिया। इसके बाद भाई आशीष ने एक के बाद एक सुरेश पर कई वार किए। बीच-बचाव में आई उसकी पत्नी गीता देवी पर भी गड़ासे से वार किया। जिसमें वह भी गंभीर रूप से जख्मी हो गई। वहीं उसकी बच्ची को भी जमीन पर पटक दिया।ग्रामीणों की सूचना पुलिस ने कर दी अनसुनी
घटना के बाद मौके पर जुटे ग्रामीणों का कहना था कि हत्या के समय उन लोगों ने थाने को सूचना दी। लेकिन सूचना देने गए व्यक्ति को थाने में मौजूद किसी हाफ पैंट वाले अफसर ने डांट कर भगा दिया। यदि पुलिस उस समय वहां पहुंच जाती तो सुरेश की जान बच सकती थी। जब सुरेश का शरीर शांत पड़ गया। तब ग्रामीणों ने किसी तरह आशीष को पकड़ कर उसके हाथ से हथियार छिनकर फेंक दिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना ने पुलिस सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है। घटना से संबंधित एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है।एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि घटना में शामिल आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की पूरी तफ्तीश करने का निर्देश दिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
नहीं पिघला वर्दीका दिल वरना बच जाता सुरेश का जान गोराडीह थाना से कुछ ही कदम की दूरी पर दिनदहाड़े एक युवक को धारदार हथियार से दो पत्थरदिल भाई और पिता मिलकर किसी जानवर की तरह काटते रहे और लोग भय के कारण दूरी बनाए रहे। कुछ लोगों ने साहस जुटाकर उसे बचाने का भी प्रयास किया मगर आरोपितों के हाथ में धारदार हथियार देख कोई सामने जाने की साहस नहीं जुटा पाया। आसपास के युवक दौड़ते हुए थाने गए और कहा कि साहब बचा लीजिए युवक की जान। दो लोग युवक की हत्या कर रहे हैं। मगर पत्थर दिल वर्दी वाले का कलेजा नहीं पिघला। उल्टे उसने डांटकर भगा दिया और कहा कि जाओ यह रोज का मामला है।
बताते चलें कि इस घटना के बाद गांव के लोग काफी आक्रोशित हो गए। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए हंगामा किया। उनका कहना है आखिर घर के बगल में थाने क्या फायदा जब सरेआम हो जाती है हत्या और पुलिस वाले फटकार कर भगा देते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द यहां से थाने को हटा दिया जाए और दोषी पुलिस कर्मी पर निलंबित की जगह बर्खास्त किया जाए। बताते चलें कि घटना के बाद युवक सुरेश के चार माह के बच्चे की भी हत्या का काफी प्रयास किया गया, मगर एक ग्रामीण उसे लेकर मौके से भाग निकला। ग्रामीणों ने बताया काफी हिम्मत जुटाने के बाद हत्या कर रहे युवक को आशीष को पकड़ कर थाने पर पहुंचाया गया, मगर आरोपित पिता मौके से फरार हो गया।तीन माह पूर्व पुलिस कार्रवाई की होती तो नहीं होती हत्या
तीन माह पहले भी सुरेश के साथ उसके पिता और भाई ने मिलकर बुरी तरह मारपीट की थी। उनके दोनों हाथ-पैर तोड़ दिए थे। उस वक्त गोराडीह थाने में भी शिकायत की गई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद पंचायत बुलाकर मामले को दबा दिया गया। इससे आरोपितों का मनोबल बढ़ता गया।यह बात वहां के ग्रामीण भी कह रहे हैं कि अगर उसी वक्त आरोपितों पर पुलिस कार्रवाई करती तो शायद आज सुरेश की हत्या नहीं होती। ग्रामीण कहते हैं अक्सर सुरेश के पिता और भाई उसके साथ मारपीट करते थे। वह बार-बार थाना में जाकर शिकायत करता था मगर पुलिस वाले कहां किसी की सुनते हैं। आज इस घटना के बाद आसपास के लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठ गया। लोगों का कहना है क्या फायदा इस जगह पर थाने का जब सरेआम लोगों की हत्या होती है और पुलिस बुलाने पर भी नहीं सुनती। बताते चलें कि सुरेश की हत्या और उसकी पत्नी के साथ मारपीट के बाद ग्रामीणों ने सुरेश के बच्चे को अपने पास रखा है। दुधमुंहे बच्चे को कहा खबर कि उसका पिता अब इस दुनिया में नहीं है।
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