आज भी है धनतेरस : कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर शाम 6:03 बजे तक, कर लें यह काम
आज भी है धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 23 अक्टूबर शाम 603 बजे तक है। 24 अक्टूबर को दीपावली है। छोटी दीपावली आज है। यम दीप भी आज है।
By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Sun, 23 Oct 2022 12:25 PM (IST)
संवाद सहयोगी, भागलपुर। आज भी है धनतेरस : धनतेरस कई जगह शनिवार को मनाया गया तो कई जगह रविवार को मनाया जाएगा। रविवार की शाम भगवान कुबेर और स्थिर महालक्ष्मी देवी की पूजा की जाएगी। सोमवार को दीपावली के पावन मौके पर भगवान गणेश और चल लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। शाम से रात भर ऐसे तो कभी भी लक्ष्मी पूजा किया जा सकता है। लेकिन दो लग्न में विशेष शुभफलदाई होगा।
बूढ़ानाथ मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषीकेश पांडे ने बताया कि काशी के ऋषीकेश पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर रविवार की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल में कुबेर का पूजन ज्यादा शुभ फल देने वाला बताया गया है। उन्होंने कहा कि यमदीया भी रविवार की शाम 06 बजकर 03 मिनट के बाद निकाला जाएगा। इसतरह धनतेरस और छोटी दीपावली मनाई जाएगी। जबकी काली पूजा भी मध्यरात्रि में किया जाएगा। धनतेरस पर भगवान कुबेर और स्थिर लक्ष्मी की पूजा किया जाता है जबकि दीपावली पर भगवान गणेश और चल लक्ष्मी की पूजा होती है।
सोमवार को दो लग्न एक शाम 6:55 से रात्रि 8:51 तक और दूसरा स्थिर सिंह लग्न रात्रि 1:23 से 3:37 तक में मां लक्ष्मी की पूजा अराधना ज्यादा शुभ फल दाई है। हालांकि सोमवार को किसी भी समय लक्ष्मी पूजा किया जाना शुभ फल देने वाला है।
उन्होंने कहा कि ब्रम्हपुराण में प्रदोष काल से लेकर निशीथकाल तक की अमावस्या को गणेशजी, महादेवी लक्ष्मीजी, भगवान कुबेरजी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लक्ष्मी अमावस्या की रात्रि के घटाघोप अंधकार को अपने प्रकाश पुंज से चिरती हुई समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी। समस्त वातावरण को ज्योतिर्मय कर दिया था। इसी काली अमावस्या को दीपों से आलोकित कर मां लक्ष्मी का स्वागत और पूजन करने का विधान है। धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार संध्या 06 बजकर 03 मिनट तक किया जाना ज्यादा श्रेस्कर, हालांकि कभी भी किया जा सकता है।
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