जिसके तेल की कीमत 25 हजार रुपये/लीटर, उसकी खुशबू से गमकेगा कोसी और गंगा का दियारा क्षेत्र, समृद्ध होंगे किसान
खर की जगह अब खस का होगा उत्पादन किसान होंगे समृद्ध। (Vetiver oil price) 25 हजार से ज्यादा होती है एक लीटर खस के तेल की कीमत। कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान परिषद की बैठक में दी गई जानकारी।
By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Mon, 22 Nov 2021 12:53 PM (IST)
संवाद सूत्र, भागलपुर : कोसी और गंगा का दियारा क्षेत्र अब खस की खुशबू से गमकेगा। यहां खर की जगह अब बड़े पैमाने पर खस का उत्पादन होगा। इसके जड़ से सुगंधित तेल और तने से गुणवत्तापूर्ण चटाई आदि बनाई जाएगी। जिसे बाजार में बेचकर किसान समृद्ध होंगे। एक लीटर खस के तेल (Vetiver oil price) की कीमत 25 हजार से ज्यादा होती है।
इसके लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय बड़े पैमाने पर कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। अनुसंधान परिषद की बैठक में मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर सहरसा के प्राचार्य उमेश सिंह ने इस संदर्भ में प्रस्तुतीकरण दिया था। जिसमें बताया गया था कि कोसी और गंगा नदी के किनारे के क्षेत्र में बरसात के मौसम में पानी आ जाता है। पानी निकलने के बाद खर स्वत: एक लाख हेक्टेयर में लग जाता है।
उसकी जगह अगर खस लगाया जाए तो वेल्यू एडिशन हो जाता है। इसके उत्पादन में खर्च भी बहुत कम आता है। उन्होंने लखनऊ के केंद्रीय रिसर्च सेंटर से इसकी प्रभेद और वैज्ञानिक तकनीक की जरूरत बताई और इसपर अनुसंधान करने की बात कही। इस बीच बीएयू के कुलपति ने इसपर बड़ी परियोजना चलाने के लिए प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया।
क्या करेगा विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय इसपर रिसर्च करेगा। औषधि और सुगंधित पौधों का केंद्रीय अनुसंधान केंद्र लखनऊ से समन्वय कर खर के किस्मों को यहां की मिट्टी और वातावरण में लगाकर अध्ययन किया जाएगा। जो किस्म ज्यादा गुणवत्तापूर्ण उत्पादन देने में सक्षम होगी, उसकी खेती की तकनीक किसानों को बताई जाएगी। प्रयोग सफल रहा तो आने वाले समय में बिहार की बेकार पड़ी दियारा की जमीन सोना उगलेगी।
'अनुसंधान परिषद की बैठक में एक बेहतर प्रस्ताव आया है। विश्वविद्यालय इसे अवसर के रूप में ले रहा है। बहुत जल्द कार्ययोजना बनाई जाएगी। ताकि बिहार में बड़े पैमाने पर खस का उत्पादन हो और किसानों की आय बढ़े।'-डा. अरुण कुमार, कुलपति बीएयू।
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