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Bhagalpur University: भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार फिर आमने-सामने, पूरे राज्य में हो रही चर्चा

Bhagalpur University कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कुलसचिव पर बेवजह फाइलों को लंबित रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय का समग्र विकास चाहते हैं लेकिन कुलसचिव की खराब कार्य प्रणाली के कारण विश्वविद्यालय के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। टीएमबीयू के कुलसचिव डॉ. विकास चंद्रा विश्वविद्यालय के विकास में रोड़ा उत्पन्न कर रहे हैं।

By Ranjit Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 13 May 2024 03:06 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2024 03:06 PM (IST)
भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार फिर आमने-सामने, पूरे राज्य में हो रही चर्चा

संवाद सूत्र, नाथनगर (भागलपुर)। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में एक बार फिर से कुलपति और रजिस्ट्रार आमने-सामने आ गए हैं। कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कुलसचिव पर बेवजह फाइलों को लंबित रखने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय का समग्र विकास चाहते हैं, लेकिन कुलसचिव की खराब कार्य प्रणाली के कारण विश्वविद्यालय के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। टीएमबीयू के कुलसचिव डॉ. विकास चंद्रा विश्वविद्यालय के विकास में रोड़ा उत्पन्न कर रहे हैं। उनके कार्यालय में संचिकाओं का अंबार लगा हुआ है। छात्र हित और जरूरी प्रशासनिक कार्य भी अवरुद्ध पड़े हुए हैं।

कुलपति ने कहा कि आईआरपीएम विभाग में पेयजल संकट और विभाग के रिपेयरिंग कार्यों में विलंब के लिए भी कुलसचिव सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं। आईआरपीएम विभाग की जरूरी संचिकाएं रजिस्ट्रार के कार्यालय में पड़ी हुई है।

इधर, इंजीनियरिंग सेक्शन से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कुलपति ने कहा कि टेंडर, वर्क ऑर्डर, मरम्मत कार्य, एडमिनिस्ट्रेटिव एप्रूवल, संवेदकों के बकाया विपत्र, एग्रीमेंट सहित कई महत्पूर्ण फाइल कुलसचिव के यहां महीनों से लंबित है। जिसके कारण विश्वविद्यालय का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।

लालबाग स्थित गर्ल्स हास्टल की चहारदीवारी निर्माण से सबंधित टेंडर के निगोसिएसंस से संबंधित संचिका भी महीनों से कुलसचिव कार्यालय में लंबित है। वहीं, ओल्ड पीजी कैंपस स्थित गर्ल्स कॉमन रूम के बाथरूम मरम्मत से संबंधित फाइल भी लंबित है। लालबाग से गंदा पानी के बहाव को रोकने संबंधित फाइल भी कुलसचिव कार्यालय में लंबित है।

वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय में व्याप्त सभी समस्याओं के लिए कुलसचिव जिम्मेवार हैं। कुलसचिव के कार्यालय में सैकड़ों फाइल पेंडिंग है। इस संबंध में मैंने कुलसचिव को कई बार मौखिक और लिखित आदेश बफशीट पर दिया है। फिर भी वे कार्यों का निष्पादन नहीं कर पा रहे हैं। कुलसचिव पिछली कई बैठकों में भी उपस्थित नहीं हुए हैं।

बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण उनसे कई बार शो-कॉज भी पूछा जा चुका है। कुलपति ने कहा कि उनके निर्देश पर टीएमबीयू में शुरू किया गया सिंगल विंडो सिस्टम में भी कुलसचिव द्वारा रुचि नहीं दिखाए जाने के कारण मामलों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत शुरू के पंद्रह दिनों में मात्र 11 फाइलों का ही निपटारा किया गया है। जिसमें सभी फाइलें अग्रधन वापसी से ही जुड़ी हुई थी। जरूरत के किसी भी संचिकाओं का निष्पादन रजिस्ट्रार के द्वारा नहीं किया गया। जो काफी खेदजनक है।

कुलपति ने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय की सभी समस्याओं की जड़ रजिस्ट्रार हैं। वे फाइलों को बेवजह अटका रहे हैं। कुलसचिव अपने कार्य के प्रति गंभीर और जवाबदेय नहीं बन पा रहे हैं। रजिस्ट्रार की गलत कार्य प्रणाली के कारण विश्वविद्यालय और कुलपति की छवि धूमिल हो रही है।

पीजी मैथिली विभाग के हेड प्रो. राम सेवक सिंह ने कुलपति को बताया कि बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) की संचिका कुलसचिव कार्यालय में महीनों से लंबित है। जबकि वे इस कार्य के लिए कई बार कुलसचिव कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं। कुलसचिव टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं।

कुलपति ने शनिवार को बैठक कर ऑडिट ऑब्जेक्शन दूर करने के लिए विश्वविद्यालय के संबंधित सभी कार्यालयों और सेक्शनों को रविवार को भी खोलने का निर्देश दिए थे। इस निर्देश का अनुपालन की समीक्षा करने के लिए कुलपति ने जांच कराई तो दोपहर के एक बजे तक रजिस्ट्रार अपने कार्यालय नहीं पहुंचे थे।

रजिस्ट्रार कार्यालय में उस समय केवल दो कर्मी ही मौजूद थे। इस पर भी कुलपति ने नाराजगी व्यक्त की। दूसरी तरफ रजिस्ट्रार डॉ. विकास चंद्र ने कहा कि मैं बेवजह फाइलों को लंबित नहीं करता हूं। जिस फाइलों में कागजात की कमी रहती है, तो मैं उसकी मांग करता हूं। जिन फाइलों पर राशि नहीं लिखी रहती है, उस पर राशि लिखवाता हूं। कुलपति के आरोप के बावजूद मैं सोमवार को बता दूंगा कि मैंने कितनी फाइलों का निष्पादन किया है। अभी तक लगभग नौ फाइलों का निष्पादन कर चुका हूं।

पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया था

टीएमबीयू के कुलपति और रजिस्ट्रार का विवाद टीएमबीयू के कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच विवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है। टीएमबीयू के कुलपति और पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. गिरिजेश नंदन पटना में आयोजित समीक्षा बैठक में ही एक दूसरे से उलझ पड़े थे। इसके बाद टीएमबीयू के तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. गिरिजेश नंदन का स्थानांतरण कर दिया गया था।

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