'विक्रमशिला' मालदा डिवीजन की सबसे असुरक्षित ट्रेन, टाटानगर एक्सप्रेस का भी बुरा हाल; पढ़ लीजिए रिपोर्ट
रेलवे बोर्ड ने पूर्व रेलवे के जिन 10 ट्रेनों की सूची की जारी की है उसमें विक्रमशिला एक्सप्रेस की एक साल में कुल 2886 शिकायतें मिली हैं। पूर्व रेलवे की सबसे खराब ट्रेनों में सियालदह डिवीजन की टाटानगर एक्सप्रेस रही। एक साल में इसकी 4210 शिकायतें मिलीं। यात्री शिकायत के मामले में 157 साल पुरानी कालका मेल (अब नेताजी एक्सप्रेस) तीसरे जबकि विक्रमशिला एक्सप्रेस 10वें स्थान पर रही।
अभिषेक प्रकाश, भागलपुर। भागलपुर की सबसे वीआईपी ट्रेन विक्रमशिला एक्सप्रेस मालदा डिवीजन की सबसे असुरक्षित ट्रेन मानी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों ने रेल मदद एप पर सुरक्षा से जुड़ी 736 शिकायतें दर्ज कराईं हैं।
यही नहीं, रेलवे बोर्ड ने पूर्व रेलवे के जिन 10 ट्रेनों की सूची की जारी की है, उसमें विक्रमशिला एक्सप्रेस की एक साल में कुल 2886 शिकायतें मिली हैं। पूर्व रेलवे की सबसे खराब ट्रेनों में सियालदह डिवीजन की टाटानगर एक्सप्रेस रही। एक साल में इसकी 4210 शिकायतें मिलीं।
यात्री शिकायत के मामले में 157 साल पुरानी कालका मेल (अब नेताजी एक्सप्रेस) तीसरे जबकि विक्रमशिला एक्सप्रेस 10वें स्थान पर रही। सियालदह डिविजन की टाटानगर एक्सप्रेस इस सूची में पहले स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 रेल मदद एप पर आई शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर ट्रैफिक और पब्लिक गवर्नेंस संचित त्यागी ने पूर्व रेलवे के एडिशनल जनरल मैनेजर को पत्र लिखा है।
पूर्व रेलवे के AGM ने मालदा डिवीजन के DRM को लिखा पत्र
इसके बाद पूर्व रेलवे के एडिशनल जनरल मैनेजर सुमित सरकार ने पूर्व रेलवे के हावड़ा-सियालदह-आसनसोल और मालदा डिवीजन के डीआरएम को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व रेलवे में टाटानगर एक्सप्रेस, हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस, कालका मेल, विक्रमशिला एक्सप्रेस (10वें) सहित अन्य ट्रेनों में रेल मदद एप के माध्यम से सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। यह ठीक नहीं है, इसलिए सभी डिवीजन के डीआरएम इसे संज्ञान में लेते हुए 2024-25 में शिकायतों की संख्या में कमी लाने के लिए सुरक्षा, परिचालन, यांत्रिक और वाणिज्यिक शाखा अधिकारी समन्वित प्रयास करें।
विक्रमशिला एक्सप्रेस की साफ-सफाई को लेकर 477 शिकायतें
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी सूची के आधार पर विक्रमशिला एक्सप्रेस के लेट और नियमित नहीं चलने को लेकर 347 शिकायतें, साफ-सफाई को लेकर 477 शिकायतें, ट्रेनों में इलेक्ट्रिक से जुड़ी 385 शिकायतें, पानी की समस्या जुड़ी 297 शिकायतें, बेडरोल से संबंधित 142 जबकि कैटरिंग और भोजन से संबंधित 240 शिकायतें रेल मदद पर दर्ज की गई हैं।इसके अलावा मिसलेनियस शिकायतें 112, कोच मेंटेनेंस से जुड़ी 86, कोच अटेंडेंट के आचरण से जुड़ी 40 शिकायतें दर्ज हुई हैं।इसके अलावा, करप्शन से जुड़ी 12, महिलाओं के स्पेशल जरूरत से जुड़ी पांच, जबकि दिव्यांगों के सुविधा से जुड़ी सात शिकायतें दर्ज की गई हैं। यानी कुल मिलाकर 2886 शिकायतें दर्ज हुई हैं।वहीं, पूर्व रेलवे ने सबसे खराब ट्रेनों में टाटानगर एक्सप्रेस को रखा है। साल भर में इसकी 4210 शिकायतें मिली हैं। दूसरे नंबर पर अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस की 3867 व 157 साल पुरानी कालका मेल की 3550 शिकायतें आई हैं।
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