विक्रमशिला महोत्सव : पूजा चटर्जी के गीतों पर झूमे दर्शक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम Bhagalpur News
विक्रमशिला महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। गायिका पूजा चटर्जी के गीतों लोग जमकर झूमे। वहीं स्थानीय कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी।
By Dilip ShuklaEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 03:34 PM (IST)
भागलपुर, जेएनएन। विक्रमशिला महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। नृत्य और संगीत से विक्रमशिला की धरती आह्लादित हो उठी। कलाकारों और स्कूली बच्चों ने एक से बढ़कर एक नृत्य और गीत की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। महोत्सव में देर रात तक लोगों की भीड़ जमी रही।
कार्यक्रम के दूसरे दिन अप्रत्याशित भीड़ जुटी। कार्यक्रम पंडाल पूरा खचाखच भरा हुआ था। देर रात तक श्रोता कलाकारों की प्रस्तुति देखने के लिए अपनी जगह से नहीं हिल पाए। बाहर स्टॉल पर भी काफी भीड़ देखी गई। इस दौरान लोगों ने काफी खरीदारी भी की। दोपहर बाद सेंट जोसफ स्कूल पकड़तल्ला की छात्राओं ने गणेश वंदना ये हैं सूर्य की किरणें स्वागतम स्वागतम प्रस्तुति दी। इसके साथ रंगारंग कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। छोटेलाल मंडल ने अंगिका गीत हमरो विक्रमशिला बिहार के महिमा छे अपार, भागलपुर के उत्तर में अंतीचक में छे विक्रमशिला महान जेकरा उत्तर में बहे छे गंगा बाबा बटेश्वरधाम हो पर दर्शक झूमने लगे।
आइओसीडी ग्रुप पकड़तल्ला के बच्चों ने गणेश वंदना पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। एचडी ग्रुप कहलगांव की ओर से गणेश वंदना पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। गणपत ङ्क्षसह उच्च विद्यालय की छात्राओं ने वंदे मातरम जय भारती, वंदे भारती पर रिकार्डिंग सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। एसके एकेडमी कहलगांव के बच्चों ने पंजाबी भांगड़ा हायो रब्बा मिट्ठे किट्ठे, बोले सारा रा सारा रा की प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियों से स्वागत किया।
डीएवी मथुरापुर की छात्राओं ने लोक नृत्य लाली गे लाली, बदरिया चम चमके ना प्रस्तूत कर दर्शकों का मन मोह लिया। मध्य विद्यालय महेशामुंडा के बच्चों प्रियंका एंड ग्रुप ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर लघु नाटक प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
सेंट जोसफ स्कूल एनटीपीसी के बच्चों ने महाराष्ट्र के लोक गीत शिव भक्ति मल्लाहर गीत सामूहिक नृत्य और सेंट जोसफ स्कूल पकड़तल्ला द्वारा सामूहिक गीत गाया गया।भागलपुर की नन्हीं बच्ची कृति ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। भागलपुर की ही बच्ची वेदिका ने वर्षा में भीगी आंखें, रातों की सकुन हैं प्रस्तुत किया। भागलपुर के ही जगमोहन कुमार ने भरत नाट्यम प्रस्तुत किया। विक्रमशिला महोत्सव का संचालन आकाशवाणी भागलपुर के वरीय उद्घोषक डॉ विजय कुमार मिश्र ने किया।
ये माता है जग की मानव, माता को तुम छोड़ो मत विक्रमशिला महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गंगा के महत्व पर नृत्य नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति क्षेत्रीय लोगों के लिए एक सबक है। श्वेता सुमन की टीम की यह प्रस्तुति गंगा नदी के निकट चल रहे इस महोत्सव के मंच से बड़ी संख्या में लोगों को जागरूक करने का काम करेगी। इस नृत्य नाटिका में गंगा की वर्तमान पीड़ा है विष्णु, ब्रह्मा, हे शंकर, विपत बड़ी भारी है मुझ पर। नाले कीचड़ मुझमें आते, मेरा अब उद्धार करो प्रभु, पापी जन का मुझ पर क्रोध जैसे शब्दों से प्रकट होता है। भाव यह कि अब गंगा से अपावन होने का कष्ट सहन नहीं होता। इस वेदना पर ईश्वर मां गंगा को सांत्वना भरे शब्दों में कहते हैं कि तुम शुद्ध रूप धारण पाओ, तुम स्वच्छ पुन: हो जाओ, धारा अविरल हो जाएगी, फिर से जग में जी जाओ। फिर जनमानस के लिए एक संदेश इन शब्दों के माध्यम से दिया जाता है। यदि हम चाहें तो शुद्ध करें। ये माता है जग की मानव, माता को तुम छोड़ो मत। जनता द्वारा गंगा सफाई के प्रयासों से प्रसन्न मां गंगा कहती हैं कि जनता में जागृति आई है, मैं स्वच्छ होउंगी, देखो सब। मैं धरती को अब सींचूंगी, दाने दाने से भर दूंगी। गंगा के इर्द गिर्द बसे लोगों के लिए यह एक मार्मिक और महत्वपूर्ण संदेश है। जो नदी हमारी संस्कृति और जीवन है उसे स्वच्छ और अविरल रखना हर किसी का नैतिक कर्तव्य है।
मोहम्मद रफी के नग्मों पर झूमे श्रोता विक्रमशिला के दूसरे दिन रात में सिंगर राजकिशोर ने मो रफी साहब के गाने दर्दे दिल दर्दे जिगर जगाया आपने, गीत जैसे ही प्रस्तुत किए कि पूरा महोत्सव तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। उसके बाद महिला और पुरुष कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम के साथ गणेश वंदना प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। झूम उठे। हास्य कलाकार सौरभ सिंह ने लोगो को चुटकले से हंसते हुए बेटा बेटियों में फर्क नहीं करने और बेटियां किसी भी मामले में कम नहीं होने की बात कही।
पूजा चटर्जी ने एक से बढ़ एक गीत पेश किए विक्रमशिला महोत्सव के दूसरे दिन रात में मुख्य कलाकार बॉलीवुड सिंगर पूजा चटर्जी के मंच पर आते ही तालियों की गडग़ड़ाहट से दर्शकों ने जोरदार स्वागत किया। मंच पर आते ही अपना जलवा विखरने लगी। मेरा प्यार, ओ मेरे दिल के चैन, निमिया के डलिया मैया झूमी झूमी ना गीत पर दर्शकों को झूमा डाला।
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