बच्चों...! तितलियों को देखोगे, जवाब सुन आप नहीं रोक पाएंगे हंसी, छात्राओं को मिली वन्य जीवों की जानकारी
वाइल्डलाइफ की पाठशाला में बच्चों को मिली वन्य जीवों की जानकारी। जिला वन पदाधिकारी ने बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ दी टाफी। इस दौरान बच्चों ने तितलियों को देखा। सांपों की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी मिली। अन्य वन्यजीवों को भी उन्होंने देखा।
By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Fri, 14 Oct 2022 03:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बच्चों तितलियों को देखोगे। पीछे से एक स्वर में आवाज आई हां। इस बीच एक बच्चे ने कहा हम तो रोज घर में तितली देखते हैं। यहां भी आकर यही देखेंगे। दिखाना है तो चिता दिखाएं। लेकिन ज्यादातर बच्चों ने कहा कि यहां बहुत बेहतरीन तितलियां हैं, इसलिए हम लोग जरुर देखेंगे।
ओपन माइंड के सौ से अधिक छोटे-छोटे बच्चे शिक्षकों के साथ वन विभाग पहुंचे थे। इस दौरान बच्चों से पूछा गया कि जिले में कितने प्रकार की तितलियां होती है। क्या आपलोग देखना चाहेंगे? इतना पूछना था कि सारे बच्चे तितलियों को देखने के लिए उत्सुक हो उठे। प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को तितलियों के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को सांपों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान बच्चे डर भी रहे थे और उत्साह से शोर भी मचा रहे थे। बच्चों ने साथ में डांस भी किया।
जिला वन पदाधिकारी को बच्चों को वन्यजीवों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए टाफी बांटी। बच्चों को गरुड़ पुनर्वास केंद्र दिखाया गया, जहां बच्चों ने गरुड़ को देखा। कछुआ केंद्र में बच्चों को विभिन्न प्रजातियों के कछुआ को दिखाया गया। पेड़-पौधों के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को बताया गया कि प्रकृति कभी भी अपनी दी हुई चीजों पर घमंड नहीं करती। दुरुपयोग करने पर सबक जरूर सीखाती है। स्कूल के प्राचार्य राकेश कुमार ने वन विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद होते हुए कहा कि इस तहत के कार्यक्रम से बच्चों बौदि्धक विकास होता है।
एक सौ विद्यालयों में किशोरी मंच का होगा गठन
जिला के एक सौ विद्यालयों में किशोरी मंच का गठन होगा। किशोरी मंच के लिए सभी सौ विद्यालयों के एक एक नामित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण बाद नामित शिक्षक विद्यालयों में किशोरी मंच की गतिविधियों का संचालन करेंगी। संभाग प्रभारी सुनीता कुमारी ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय में गठित किशोरी मंच में 40 सदस्य होंगे। किशोरी मंच में वर्ग नौ की 35 और वर्ग दस की पांच छात्राएं होंगी। सौ विद्यालयों में गठित होने वाले किशोरी मंच से चार हजार छात्राएं जुड़ेंगी। किशोरी मंच छात्राओं को अपनी समस्याओं पर चर्चा के लिए बेहतर मंच उपलब्ध कराता है।
48 विद्यालयों में ऐडोलसेंट प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे। ऐडोलसेंट प्रोग्राम में किशोर और किशोरियों को शारीरिक बदलाव के बारे में जानकारी दी जाती है। इस उम्र में शारीरिक बदलाव के साथ किशोर-किशोरियों के व्यवहार में भी बदलाव आता है। इस उम्र में अक्सर किशोरों में जिद की प्रवृति बढ़ती जाती है। इन बदलाव के प्रति किशोर किशोरियों को जागरूक किया जाता है।
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