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World bicycle day: बदला लाइफ स्टाइल, आम हो या खास, सभी को पंसद साइकिल की सवारी, जानिए... कितने बिके साइकिल

World bicycle day कोरोना मोटपा मधुमेह से निजात के लिए साइकिल की सवारी जरूरी। कोरोना काल में युवा से अधेड़ तक चला रहे साइकिल। 300 से 400 के करीब बिकती है जिले में हर दिन साइकिलें। 04 हजार से 80 हजार कीमत की साइकिलें है बाजार में उपलब्ध।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Thu, 03 Jun 2021 08:04 AM (IST)
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भागलपुर में 50 साइकिल की डिलीवरी विश्व साइकिल दिवस पर हुई।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। World bicycle day: पिछले कुछ वर्षों में लोगों ने खानपान से लेकर पहनवा तक का लाइफ स्टाइल बदल दिया है। लोग महंगे-महंगे बाइक और कार खरीद रहे हैं, इसके बावजूद साइकिल की उपयोगिता बरकरार है। आम हो या खास। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला या पुरुष सभी को साइकिल की सवारी करना पसंद है। इस कोरोना काल में साइकिल का प्रचलन बढ़ा है। शरीर को स्वस्थ्य रखने और इम्युनिटी के लिहाज से लोग साइकिल की सवारी कर रहे हैं। जिले में निबंधित और गैर निबंधित मिलाकर साइकिल की करीब 100 दुकानें हैं। इसमें से 50 के आसपास शहर में दुकानों की संख्या है। लॉकडाउन में भले ही करीब एक माह से दुकानें बंद हैं। ऐसे अमूूमन हर दुकानों से आठ से 10 साइकिलों की बिक्री होती है। विश्व साइकिल दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को 50 छोटी-बड़ी और गियर वाली साइकिलें बिकी।

10 वर्षों में दोगुनी हुई कीमत

भागलपुर न्यू साइकिल स्टोर के संचालक चरणजीत सिंह ने बताया कि जिले में साइकिल की डिमांड खूब है। 10 वर्षों में साइकिल की कीमत में दोगुने का इजाफा हुआ है। विगत आठ से नौ माह के दरम्यान छोटे बच्चे काे छोड़कर हर साइकिल की कीमत में एक हजार रुपये तक इजाफा हुआ है। भागलपुर शहर में ग्राहकों की हर पसंदीदा साइकिलें उपलब्ध है। लॉकडाउन में दुकानें बंद होेने के कारण थोड़ी परेशानी जरूर हुई। बुधवार को साइकिल दिवस पर साइकिलों की बिक्री हुई।

साइकिल दिवस के पहले खुलीं दुकानें, मिली राहत

लॉकडाउन तीन तक करीब एक माह जिले में साइकिलों की दुकानें बंद थी। लॉकडाउन-चार में दुकानों को खोलने का निर्देश दिया गया। विश्व साइकिल दिवस के दिन पहले दुकानें खुलीं तो ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों ने राहत ली। कई लोगों ने पहले से ही साइकिलें बुक कर रखी थी। ऐसे में बुधवार को साइकिलों की डिलीवरी की गई। साइकिल के बड़े कारोबारी ने बताया कि उनके पास गियर वाली साइकिल कई मॉडल में है। गियर वाली साइकिल की कीमत चार हजार से 80 हजार है।

बच्चे साइकिल से पहुंच रहे स्कूल तो कई दैनिक कार्य भी कर रहे

अभी लॉकडाउन के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। लेकिन, कॉलेज और स्कूलों में स्कूटी या गाड़ी से ज्यादा साइकिल से ही छात्र-छात्राएं आते हैं। हाई स्कूलों में पढऩे वाली ज्यादातर छात्राएं साइकिल से ही पढ़ने आती हैं। उधर, लोग भी सब्जी खरीदने से लेकर दूसरे काम में भी साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। जिले के ग्रामीण इलाकों में साइकिलों की संख्या ज्यादा है। साइकिल का इस्तेमाल किसान खेत जाने से लेकर व्यवसाय के लिए करते हैं। ग्रामीण इलाकों में दूध बेचने के लिए आज भी साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

किसी तरह के खर्च का टेंसन नहीं

साइकिल कभी भी धोखा नहीं देती है। इसे जब चाहो, जैसे चाहो, इस्तेमाल करिए। उच्च विद्यालय के प्राचार्य गणेश चौधरी बताते हैं कि साइकिल से अच्छी कोई सवारी नहीं है। स्टूडेंट्स लाइफ के लिए साइकिल बेहतर सवारी है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि यह इस सवारी में खर्च नहीं है। स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

पर्यावरण के लिए साइकिलिंग बेहतर

पर्यावरणिवद् अरविंद मिश्रा ने कहा कि पर्यावरण के लिए भी साइकिल की सवारी बेहतर है। साइकिल से जितनी संख्या में स्टूडेंट कॉलेज आते हैं, उतनी संख्या में अगर स्कूटी आने लगें, तो शहर का वातावरण ही खराब हो जाए। इसलिए साइकिल की सवारी बेहतर है। हर किसी को ज्यादा से ज्यादा साइकिल की सवारी करनी चाहिए।

सेहत के लिए फायदेमंद

हर्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि साइकिल की सवारी करना सेहत के लिए फायदेमंद है। मोटापा, डायबटिज, बीपी और श्वांस से जुड़ी बीमारियां पूरी तरह नियंत्रित रहता है। हर किसी को साइकिल की सवारी करना चाहिए। कोरोना काल में साइकिल की सवारी लोग ज्यादा कर रहे हैं। हर दिन तीन से चार किमी साइकिल चलाना चाहिए।

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