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Ara News: यूपी में साइबर क्राइम पर लगाम कसेगा 'बिहारी ब्रेन', जानिए कौन हैं सीनियर आइपीएस बीके सिंह?

Ara News पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराध पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइबर क्राइम को सख्ती से निपटने की रणनीति तैयार की है और रणनीति को प्रभावी बनाने के लिए बिहारी ब्रेन पर भरोसा किया है। यूपी कैडर में 1994 बैच के वरिष्ठ आईपीएस भोजपुर निवासी बिनोद कुमार सिंह साइबर क्राइम विभाग के एडीजी बनाए गए हैं।

By Deepak Singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 23 Jun 2024 03:45 PM (IST)
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यूपी में साइबर क्राइम पर लगाम कसेंगे सीनियर आइपीएस बीके सिंह (जागरण फोटो)

दीपक,आरा। Ara News: पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराध पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइबर क्राइम को सख्ती से निपटने की रणनीति तैयार की है और रणनीति को प्रभावी बनाने के लिए ''बिहारी ब्रेन'' पर भरोसा किया है। यूपी कैडर में 1994 बैच के वरिष्ठ आईपीएस भोजपुर निवासी बिनोद कुमार सिंह साइबर क्राइम विभाग के एडीजी बनाए गए हैं। वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पदस्थापना की प्रतीक्षा में थे।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 14 जून 2023 को उन्हें सीआरपीएफ का एडीजी बनाया था। इससे पूर्व वे यूपी में एडीजी सुरक्षा के पद पर तैनात थे। योगी सरकार में अपराध नियंत्रण में बिहारी मूल के अधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व बिहार के भोजपुर निवासी 1992 बैच के सीनियर आइपीएस आशुतोष पांडेय एवं 1996 बैच के सीनियर आइपीएस अमिताभ यश अपराधियों को पकड़ने से लेकर उन्हें सजा दिलाने में बिहारी माटी का झंडा बुलंद कर चुके हैं।

बिनोद सिंह मूल रूप से बड़हरा प्रखंड के लौहर-फरना गांव के निवासी हैं। वे यूपी के कई बड़े जिलों में बतौर एसपी सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा पूर्व में तत्कालीन गृहमंत्री के साथ उनके ओएसडी भी रहे थे। बिनोद कुमार सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो वे तीन भाइयों में छोटे हैं। उनके पिता किशुन सिंह बिजली विभाग में डायरेक्टर के पद पर रहे थे। दो साल पहले उनका निधन हो गया था।

पटना से दिल्ली तक हुई शिक्षा-दीक्षा

आइपीएस बिनोद सिंह की पढ़ाई पटना, दिल्ली, मद्रास से हुई थी। उन्होंने इतिहास से ऑनर्स किया था। बैचलर आफ ला की डिग्री भी हासिल की थी। इसके बाद सिविल सेवा की तैयारी की थी। भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ था और उन्हें यूपी कैडर मिला था।

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