Move to Jagran APP

Ara News: भोजपुर के इस गांव से जुड़ी हैं मॉरीशस के नए प्रधानमंत्री की जड़ें, गिरमिटिया मजदूर के रूप में गए थे दादा

Ara News मॉरीशस में नवीन रामगुलाम की तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उनके भोजपुर जिले के गृह गांव हरिगांव में जश्न मनाया गया। रामगुलाम के दादा मोहित रामगुलाम 1800 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गए थे। उनके पिता सर शिवसागर रामगुलाम को मारीशस का गांधी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीन रामगुलाम को बधाई दी और भारत आने का न्यौता दिया।

By Kanchan Kishore Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 14 Nov 2024 02:04 PM (IST)
Hero Image
मॉरीशस के पीएम का भोजपुर से नाता (जागरण)
कंचन किशोर, आरा। Ara News: अपने देश से हजारों मील दूर ईस्ट अफ्रिका का अत्यंत सुंदर समुद्र तटीय देश मारीशस में साेमवार को सत्ता में हुए उलट-फेर भोजपुर की सुर्खियों में बना हुआ है। मॉरीशस में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले नवीन रामगुलाम की जड़ें भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत हरिगांव से जुडी हैं।

जैसे ही मारीशस में आम चुनाव के परिणाम आए और नवीन रामगुलाम की लेबर पार्टी को नेशनल असेंबली की 62 में से 60 सीटों पर जीत हासिल हुई, गांव में पटाखे फूटने लगे। जगदीशपुर में लोगों ने अपने माटी के लाल के प्रधानमंत्री बनने पर जुलूस भी निकाला।

हरीगांव में नवीन रामगुलाम के वंशज जुड़े हैं

हरीगांव में नवीन रामगुलाम के परिवार से जुड़े एक वंशज संतोष कुमार बताते हैं कि भावनात्मक रूप से वे लोग मारीशस से जुड़े हुए हैं और वहां की हर राजनीतिक गतिविधियों पर गांव के लोगों की नजर रहती है। प्रधानमंत्री चुने गए नवीनचंद्र के दादा मोहित रामगुलाम सन् 1800 में कोलकाता बंदरगाह से मॉरिशस गिरमिटिया मजदूर बनकर मारीशस गए थे।

उन्होंने और उनके बेटे सर शिवसागर रामगुलाम(न) ने खुद और मॉरिशस में मौजूद बिहारियों के साथ मिल मॉरिशस की पथरीली धरती से ना सिर्फ सोना उगाया बल्कि उसे अंग्रेजों के चंगुल से मुक्ति दिला मॉरिशस की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाया। सर शिवसागर रामगुलाम को ''मारीशस का गांधी'' भी कहा जाता है। उनके बाद उनकी राजनीतिक विरासत को नवीन रामगुलाम ने संभाला है।

 मारीशस के पीएम 2008 में आए थे गांव

नवीन रामगुलाम सबसे पहले 1995 से 2000 तक मारीशस के प्रधानमंत्री रहे। दूसरी बार 2005 में प्रधानमंत्री बनने के बाद फरवरी 2008 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने पूर्वजों के गांव आए थे। आरा-मोहनियां हाइवे के किनारे स्थित पांच हजार की आबादी वाले गांव में तब एक तरह से विकास की गंगा बह गई थी। सर शिवसागर रामगुलाम के नाम पर एक स्कूल की स्थापना हुई।

उनकी याद में स्कूल और पोखरे का भी निर्माण कराया गया। गांव के हरिशंकर सिंह कहते हैं कि स्कूल में 800 बच्चे हैं। इंटर तक स्कूल के उत्क्रमित होने के बादर भवन छोटा पड़ रहा है। गांव के लालबाबू सिंह और अधिवक्ता शशि कुमार कहते हैं कि प्रधानमंत्री के गांव का निवासी होने पर उनलोगों को गर्व है, लेकिन इस बात का मलाल है कि व्यक्तिगत रूप से वे लोग उन्हें बधाई नहीं दे सकते।

वंशज के परिवार के संतोष रेलवे में कांट्रैक्टर के अधीन काम करते हैं और कहते हैं कि उन लोगों को कुछ नहीं चाहिए, लेकिन वे लोग इतना चाहते हैं कि पूर्वजों का गांव होने के नाते कभी-कभार उनकी खोज-खबर ली जाए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है आमंत्रित

मारीशस के चुनाव में नवीन रामगुलाम के प्रधानमंत्री चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ''एक्स'' पर उन्हें बधाई देते हुए भारत आने का न्यौता दिया है। ऐसे में गांव के लोगों को उम्मीद है कि एक बार फिर उनके गांव का लाल उनकी खोज-खबर लेने के लिए गांव आ सकते हैं।

ये भी पढ़ें

Siwan News: सिवान की बेटी ने कर दिया कमाल, बड़े पद पर हुईं तैनात; पूरे शहर में हो रही तारीफ

Munger News: मुंगेर की बेटी ने किया कमाल, इस बड़े पद पर हो गईं तैनात; पूरे शहर में हो रही चर्चा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।