Ara News: आरा वाले हो जाएं सावधान..., यहां टूटे स्लीपर पर दौड़ रहीं ट्रेनें, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
Ara News बिहार के आरा-सासाराम रेलखंड पर कई स्लीपर टूटे और क्षतिग्रस्त होने से रेल दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। इस रेलमार्ग पर रांची एक्सप्रेस और भभुआ इंटरसिटी सहित 7 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि 14 साल पुराने इस रेलमार्ग का निरीक्षण नहीं होता है जिससे कई कमियां हैं। रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि वे स्लीपर की मरम्मत करेंगे और क्षतिग्रस्त स्लीपर को बदलेंगे।
आनंद प्रकाश, जागरण, चरपोखरी(आरा)। Ara News: देश में ट्रेनों के बेपटरी होने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। मुजफ्फरपुर में ही गुरुवार की देर शाम मालगाड़ी की चार बोगी पटरी से उतर गई। उधर, पंडित दीन दयाल रेल मंडल अंतर्गत आरा-सासाराम रेलखंड पर चरपोखरी हाल्ट के पास रेलवे के कई स्लीपर क्षतिग्रस्त दिख रहे हैं। पाया संख्या 28/12 सहित कई अन्य जगहों पर कंक्रीट के बने स्लीपर टूटे हुए हैं और इन्हीं टूटी पटरियों पर ट्रेनें दौड़ रहीं हैं। ऐसे में कभी भी रेल दुर्घटना हो सकती है।
शुक्रवार को स्थनीय लोगों की सूचना पर दैनिक जागरण टीम ने इसका पड़ताल की तो कई जगह स्लीपर टूटे मिले। आरा -सासाराम रेलखंड पर रांची एक्सप्रेस और भभुआ इंटरसिटी समेत कुल सात जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है। चरपोखरी हाल्ट के पास जिस जगह स्लीपर टूटे दिखे, वहां से भभुआ इंटरसिटी और आरा-रांची एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें सौ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से गुजरती हैं।चरपोखरी के गोविंद कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले पाया संख्या 28/12 के पास यह स्लीपर मामूली रूप से टूटा था, लेकिन रखरखाव नहीं होने से यह काफी ज्यादा टूट गया है। हाल्ट के दोनों तरफ दो -दो किलोमीटर देखा गया, जिसमे पाया गया कि कई स्लीपर में बीच से दरार पड़ा है, तो कई किनारे से टूट गए हैं। पेड्रोल भी ढीला पड़ा है।
रखरखाव के लिए इस लाइन का नही किया जाता है निरीक्षण
यह रेल लाइन चौदह साल से अधिक पुराना है,बारीकी से निरीक्षण किया जाए तो दर्जनों कमियां मिलेगी,लेकिन इस रेलखंड का निरीक्षण ना के बराबर है। एक साल पहले ही इस रेलखंड के गड़हनी ब्लॉक रोड के समीप एक बड़ा ट्रेन हादसा स्थानीय लोगों की सतर्कता से टल गया था। उस वक्त ट्रैक के नीचे की मिट्टी ढह गई थी और रेल पटरी हवा में झूलने लगी थी।
16 वर्ष पुराना है ट्रैक
आरा-सासाराम रेलखंड दक्षिण और उत्तर बिहार को कम दूरी के साथ जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रेलमार्ग है। इस रेलखंड पर वर्ष 2009 में परिचालन शुरू हुआ था। स्थानीय लोगों के अनुसार तब से लेकर आज तक इसका स्लीपर नही बदला गया है, जिसके कारण पुराने हो रहे स्लीपरों के टूटने तथा दरार पड़ने का सिलसिला जारी है।पीडीडीयू रेल मंडल के डीसीएम सह पीआरओ दीपक कुमार ने कहा किचरपोखरी से गड़हनी के बीच में स्लीपर में क्रैक दिखने की सूचना पर संज्ञान लिया जा रहा है, सासाराम से पीडब्लूआई(स्थाई पथ निरीक्षण ) को सासाराम से रवाना किया जा रहा है। तुरंत मरम्मत कर स्लीपर को हटाया जाएगा।
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