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Bhojpur: भाजपा नेता हत्‍याकांड के गवाह की हत्या में फरार आरोपी ने किया सरेंडर, टॉप-10 अपराधि‍यों में है शामिल

भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड के चश्मदीद गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या समेत अन्य कांडों में वॉन्‍टेड 50 हजार रुपये के इनामी किशुन मिश्रा ने बुधवार को पुलिस दबिश के बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जिले के टॉप-10 अपराधियों की सूची में उसका नाम शामिल था। किशुन मिश्रा शाहपुर के सोनवर्षा गांव का निवासी है।

By Deepak SinghEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 23 Aug 2023 11:59 PM (IST)
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भाजपा नेता हत्‍याकांड के गवाह की हत्या में फरार आरोपी ने किया सरेंडर। (आरोपी किशुन मिश्रा की फाइल फोटो)
जाटी,आरा/ शाहपुर: भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड के चश्मदीद गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या समेत अन्य कांडों में वॉन्‍टेड 50 हजार रुपये के इनामी किशुन मिश्रा ने बुधवार को पुलिस दबिश के बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

जिले के टॉप-10 अपराधियों की सूची में उसका नाम शामिल था। सरेंडर करने वाला वांछित किशुन मिश्रा शाहपुर के सोनवर्षा गांव का निवासी है, उस पर हत्या, हत्या के प्रयास एवं पुलिस बल पर हमला समेत सात केस हैं।

आपराधिक इतिहास को देखते हुए उस पर मई 2020 में 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित हुआ था। करीब पांच सालों से फरार चला आ रहा था।

एसपी ने की सरेंडर की पुष्टि

इधर, एसपी प्रमोद कुमार ने वांछित के सरेंडर करने की पुष्टि करते हुए बताया कि उपरोक्त सभी कांडों में रिमांड किया जाएगा। सभी मामले कारनामेपुर ओपी में हैं।

28 सितंबर 2018 को कारनामेपुर ओपी के सोनवर्षा गांव में अहले सुबह गवाह कमल किशोर मिश्रा की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे खेत से मवेशियाें के लिए चारा लेकर लौट रहे थे।

इसके बाद मृतक के पिता श्रीमन नारायण मिश्र ने प्राथमिकी कराई थी, जिसमें किशुन मिश्रा समेत आधा दर्जन पांच को नामजद आरोपित बनाया गया था।

पुलिस के साथ मुठभेड़ में भी आया था नाम

13 अक्टूबर 2018 को भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड समेत उनके केस के चश्मदीद गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या में वॉन्‍टेड ब्रजेश मिश्रा को भोजपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद आखिरकार पकड़ा था।

मोस्ट वॉन्‍टेड की गिरफ्तारी शाहपुर थाना के कारनामेपुर ओपी अंतर्गत सोनवर्षा गांव से संभव हो सकी थी। पुलिस ने पकड़े गए वॉन्‍टेड के पास से एक नाइन एमएम का देसी पिस्तौल व 16 कारतूस बरामद किया था। तब पकड़े गए वॉन्‍टेड के विरुद्ध राज्य सरकार ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

फायंरिग व आर्म्स एक्ट को लेकर पुलिस ने अलग से एक केस दर्ज किया था, जिसमें भी किशुन मिश्रा समेत दो को आरोपित किया गया था। सरेंडर करने वाला किशुन मिश्रा साल 2011 से ही पुलिस फाइलों में चार्जशीटेड रहा है। पहला केस हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट का हुआ था। दूसरा केस साल 2013 में हुआ था, जो हत्या से संबंधित था।

पहले भी दो भाइयों पर घोषित हुआ था इनाम

12 फरवरी 2016 को कारनामेपुर ओपी के सोनवर्षा बाजार में शादी समारोह में भाग लेने गए भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें सोनवर्षा निवासी हरेश मिश्रा व ब्रजेश मिश्रा दोनों आरोपियों पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। बाद में दोनों पकड़े गए थे।

तीन राज्यों में छापेमारी के बाद भी नहीं लग सका था हाथ

वांछित किशुन मिश्रा की गिरफ्तार को लेकर पुलिस की विशेष टीम पश्चिम बंगाल के कोलकाता, झारखंड के धनबाद, यूपी के आजमगढ़,बलिया व बिहार में कई ठिकानों पर लगातार में लगातार छापेमारी कर रही थी। पुलिस सूत्रों की माने तो कोलकाता में पुलिस द्वारा करीब एक दर्जन बार छापेमारी की गई थी।

इधर, मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर उत्तर प्रदेश एवं झारखंड के कई स्थान पर लगातार छापेमारी की जा रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं लग पा रहा था। बुधवार को सरेंडर करने की सूचना पर भी पुलिस ने घेराबंदी करने का प्रयास किया, लेकिन वह हाथ नहीं लग सका।

साजिश के तहत दुश्मनों ने फंसाया, न्यायालय पर भरोसा

आरा: कोर्ट में सरेंडर करने वाले वांछित किशुन मिश्रा की मां प्रसौंडा पंचायत की मुखिया गिरजा देवी ने कहा है कि उनके पुत्र को साजिश के तहत दुश्मनों ने कई केसाें में फंसाया है। पारिवारिक लड़ाई में उनके पढ़ने वाले पुत्र को झूठा मुकदमा कर फंसाया गया है, उन्हें न्यायालय पर भरोसा है। न्याय जरूर मिलेगा।

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