Ayushman Card की ये 'सच्चाई' जान चौंक जाएंगे आप! प्रक्रिया के झोल में हार सकते हैं जिंदगी की जंग
योजना के तहत सभी तरह के रोगों का इलाज नहीं हो सकता। जो रोग इसमें शामिल हैं उसमें भी आयुष्मान कार्ड का नाम लेते ही कुछ स्वास्थ्य संस्थाएं देर होने या लंबा प्रोसेस का भय दिखाकर मरीजों तथा उनके स्वजनों को चिंता में डाल रहे हैं। इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारक का एक साल में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने की उम्मीदें टूट रही हैं।
जागरण टीम, आरा/बिहिया। सिस्टम का झोल कहें या स्वास्थ्य संस्थाओं का नकारात्मक रवैया, आयुष्मान कार्ड से इसके अंतर्गत आने वाली बीमारियों का त्वरित इलाज नहीं हो पा रहा है। सरकार की बहुप्रचारित स्कीम की जमीनी हकीकत कुछ दूसरी कहानी कह रही है।
पहली बात कि योजना के तहत सभी तरह के रोगों का इलाज नहीं हो सकता। जो रोग इसमें शामिल हैं, उसमें भी आयुष्मान कार्ड का नाम लेते ही कुछ स्वास्थ्य संस्थाएं देर होने या लंबा प्रोसेस का भय दिखा कर मरीजों तथा उनके स्वजनों को चिंता में डाल रहे हैं।
इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारक का एक साल में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने की उम्मीदें टूट रही हैं। यदि आपको आंख का ऑपरेशन कराना है तो दोनों विधि यानी एसआईसीएस तथा फेको से क्रमशः पांच से साथ हजार रुपये ही आयुष्मान कार्ड से मिल सकते हैं।
बवासीर का इलाज यदि लेप्रोस्कोपिक से करना है, तो एम्स में भी आयुष्मान कार्ड से नहीं हो सकता। आपको परंपरागत ऑपरेशन से ही इलाज कराना पड़ेगा। आयुष्मान कार्ड के तहत लोग किस तरह की परेशानी झेलने पर विवश इसको केस हिस्ट्री से आसानी से समझा जा सकता है।
इस संबंध में एक विभागीय अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यदि किसी आयुष्मान कार्ड धारक को कोई परेशानी होती है तो वह टॉल फ्री नंबर 14555/104 पर शिकायत दर्ज करा सकता है।
केस स्टडी केस- 1
बिहिया प्रखंड के कल्याणपुर गांव निवासी रंजीत उपाध्याय अपनी पत्नी ज्योति देवी की रीढ़ की हड्डी में बने सिस्ट का ऑपरेशन कराने दिल्ली के गंगा राम हॉस्पिटल गए। स्थिति गंभीर थी, लेकिन आयुष्मान कार्ड दिखाया तो कहा गया कि साढ़े तीन लाख जमा कर ऑपरेशन कराएं। आयुष्मान कार्ड से कराएंगे तो नंबर लगाकर जाइए। कब नंबर आएगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्हें अब नकदी देकर ऑपरेशन कराना पड़ रहा है।
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