Bhojpur: बिजली विभाग का शहर की सूरत बदलने का दावा हवा, गुल हो रही बिजली; हर घंटे आ रही 70 से ज्यादा शिकायतें
भोजपुर शहर को स्मार्ट सिटी की तरह बिजली की उपलब्धता में सुधार का दावा हवा साबित हो रहा है। बिजली विभाग की लचर व्यवस्था के कारण तीन माह में 270 से अधिक ट्रांसफार्मर अधिक लोड के कारण जल चुके हैं। 170 से अधिक ट्रांसफार्मर को दुरुस्त किया गया। इससे संबंधित माेहल्लों में घंटों बिजली गुल रहती है जबकि विभाग की ओर से अलग ही दावा किया गया था।
जागरण संवादाता, आरा: शहर को स्मार्ट सिटी की तरह बिजली की उपलब्धता में सुधार का दावा हवा साबित हो रहा है। बिजली विभाग की लचर व्यवस्था के कारण तीन माह में 270 से अधिक ट्रांसफार्मर अधिक लोड के कारण जल चुके हैं।
170 से अधिक ट्रांसफार्मर को दुरुस्त किया गया। इससे संबंधित माेहल्लों में घंटों बिजली गुल रहती है, जबकि विभाग की ओर से शहरी एरिया में नंगे और जर्जर बिजली के तार से आम लोगों को निजात दिलाने का दावा किया गया था। अंडर ग्राउंड केबलिंग के बाद जर्जर तार से मुक्ति के लिए सर्वे करके सुधार का आश्वासन दिया गया।
दो हजार घरों में बिजली न रहने का दावा
इसके बावजूद जेल रोड, हरिजी का हाता, महाराजा हाता, नवादा, पुलिस लाइन, पकड़ी, कतीरा, टाउनथाना क्षेत्र आदि मोहल्लों में बिजली घंटों गायब रहती है। जानकार लोगों ने बताया कि शहर के किसी न किसी मोहल्ले में दो हजार से अधिक घरों में बिजली सदैव गायब रहती है।
इसकी गवाही गोड़ना रोड स्थित शिकायत घर देता है, जहां शहर के मोहल्लों से हर घंटे 70 से अधिक उपभोक्ताओं की शिकायतें आती हैं, जबकि जर्जर तार को बदलने के लिए 250 करोड़ खर्च करने की याेजना पर काम चल रहा है। एजेंसी ने अप्रैल में सर्वे भी किया।
अधिकांश मोहल्ले को इंसुलेटेड तार से लैस किया गया, ताकि बिजली करंट के जद में आने से आम आदमी के साथ पशुओं और पक्षियों को राहत मिले। कार्यपालक अभियंता रवि आर्यन ने बताया कि वर्षा के मौसम में इस तरह की खराबी आती है, लेकिन इसे दुरुस्त करके विद्युत आपूर्ति बहाल की जाती है।
आपूर्ति बढ़ने के बाद भी हो रही कटौती
शहर में 20 किलोमीटर तक 11 हजार केवीए और 10 किलोमीटर को एलटी अंडर वायर केबलिंग किया गया है। अंडर केबलिंग वाले मोहल्ले के अलावा शहर में 440 वोल्ट के चार हजार किलोमीटर और 11 हजार वोल्ट के 3750 किलोमीटर समेत पांच हजार किलोमीटर इंसुलेटेड तार से लैस किया गया है।
जिन मोहल्ले में अभी तक इंसुलेटेड तार नहीं है, वहां प्राथमिकता सूची में पहले काम किया गया। इसके बावजूद लो वोल्टेज और ट्रिप होने से बार-बार बिजली गुल होने से उपभोक्ता परेशान हैं।
विभाग के अनुसार, आरा प्रमंडल में अभी 90 मेगावाट बिजली की खपत है। विभाग के अनुसार, पहले से बिजली की आपूर्ति अधिक है। इसके बावजूद कई गांवों मेंं बिजली घंटों गायब रहती है। इसका सीधा असर कृषि कार्याें पर हो रहा है।