Bhojpur News: आरा में क्यों पड़ रही है भीषण गर्मी? असली वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप; बहुत बड़ी लापरवाही आई सामने
Bhojpur News आरा-बक्सर हाइवे निर्माण में केवल आरा जिला अंतर्गत 42 किलोमीटर की लंबाई में लगभग 20 हजार पेड़ काटे गए। बदले में दो हजार पेड़ भी कटे पेड़ का स्थान नहीं ले सके। कितने पेड़ कटे और कितना पौधारोपण हुआ इसके आंकड़े न तो भारतीय राजमार्ग प्राधिकारण और न वन विभाग के पास है। अब भीषण गर्मी में यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
संवाद सूत्र, बिहिया (भोजपुर)। Bhojpur News: आरा-बक्सर हाइवे निर्माण में केवल आरा जिला अंतर्गत 42 किलोमीटर की लंबाई में लगभग 20 हजार पेड़ काटे गए। बदले में दो हजार पेड़ भी कटे पेड़ का स्थान नहीं ले सके। कितने पेड़ कटे और कितना पौधारोपण हुआ, इसके आंकड़े न तो भारतीय राजमार्ग प्राधिकारण और न वन विभाग के पास है। अब भीषण गर्मी पड़ रही है तो यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। नेशनल हाइवे 922 तथा बिहिया बिहटा स्टेट हाइवे 102 पर दोनों ओर सड़क किनारे घने पेड़ लगे थे।
बिहिया से बिहिया चौरस्ता के बीच साठ से सत्तर जामुन के पेड़ हुआ करते थे।जामुन के सीजन में राहगीर और आसपास के ग्रामीणों की भीड़ लगी रहती थी। गरीब तबके के लोग जामुन का फल बेच कर रोजी रोटी का जुगाड करते थे। पर आज उक्त सड़कें पेड़ विहीन होकर रह गई है। छांव के लिए जगह ढूंढ़ना होता है मुश्किल। जब उक्त सड़को का चौड़ी करण कर निर्माण शुरू हुआ तो किनारे लगे हजारों पेड़ काट डाले गए।
पर बदले में नए पौधे लगाने के प्रति न तो संवेदना दिखी, न हीं नियम का ख्याल आया। नियम के अनुसार एक पेड़ काटने के बदले कम से कम पांच पेड़ लगाने होते हैं। क्षेत्र में अंधाधुंध पेड़ काटे गए, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन्हीं कटे पेड़ों की बदौलत केवल बिहिया नगर में आठ से दस आरा मिल आबाद हो रहे हैं।
वन विभाग यदाकदा सड़क के किनारे पौधा लगाने का अभियान चलाता है पर एक तो पौधे कमजोर होते है तो दूसरी ओर देखरेख के अभाव में लगने के साथ हीं पौधे सूख जाते हैं। पर्यावरणविद् सह सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कुमार सुदामा कहते हैं कि अगर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई इसी तरह होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर मानव जीवन दुश्वार हो जाएगा।
ये भी पढ़ें