Bihar Politics: भोजपुर की 7 सीटों पर फंसेगा पेंच, टिकट मिलने से पहले मैदान में खुलकर खेल रहे दावेदार
Bihar Election 2025 बिहार में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने का दिन करीब आ रहा है लेकिन दोनों गठबंधन के स्तर पर अभी सीटों का अंतिम रूप से बंटवारा नहीं हुआ है। इस बार भोजपुर के सात सीटों में दोनों गठबंधन में इस बार शामिल पार्टियां अपना भी प्रतिनिधित्व चाहती हैं।
कंचन किशोर, जागरण, आरा। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने का दिन करीब आ रहा है, लेकिन दोनों गठबंधन के स्तर पर अभी सीटों का अंतिम रूप से बंटवारा नहीं हुआ है। पिछले चुनाव के मुकाबले गठबंधन का स्वरूप बदला हुआ है।
2020 के चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी एनडीए में थी और चिराग पासवान एनडीए से बाहर। इस बार चिराग एनडीए में हैं और मुकेश सहनी महागठबंधन में। ऐसे में भोजपुर के सात सीटों में दोनों गठबंधन में इस बार शामिल पार्टियां अपना भी प्रतिनिधित्व चाहती हैं।
कुछ सीटों पर दोनों गठबंधन के दलों में अदला-बदली भी हो सकती है। ऐसे में हर क्षेत्र में सभी पार्टियों के दावेदारों के लिए मैदान खुला है और वह इस मैदान पर खुलकर खेल भी रहे हैं।
पार्टियां भी सशक्त उम्मीदवारों को पर्दे के पीछे से बढ़ावा दे रही हैं, जिससे सीटों के बंटवारे पर जब बात हो तो मामला अपने पक्ष में किया जा सके। 2020 के चुनाव में राजग को आरा संसदीय सीट की सात में से केवल दो सीट आरा सदर और बड़हरा में सफलता मिली थी।
दोनों सीटों पर जीत का सेहरा भाजपा के सिर पर बंधा था। जदयू ने तीन सीट संदेश, जगदीशपुर और अगिआंव सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार उतारे थे और तीनों में हार मिली थी।
भाजपा ने बड़हरा और आरा सदर के अलावा तरारी और शाहपुर से अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वहां से पार्टी को सफलता नहीं मिली। हालांकि, पिछले साल तरारी उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज कर भोजपुर में अपने विधायकों की संख्या तीन कर ली।
पिछले चुनाव में जदयू की हार में लोजपा की भी अहम भूमिका रही थी। वह इस बार राजग में है और जिले की सात सीटों में से कम से कम एक सीट पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रही है। दावेदारी मजबूत करने के लिए चिराग पासवान आरा में जनसभा भी कर चुके हैं।
अब कौन सीट किसके खाते में जाएगी और लोजपा के लिए गठबंधन का कौन दल त्याग करेगा, यह अभी तय नहीं है। भाजपा के जिलाध्यक्ष दुर्गा राज कहते हैं कि बड़हरा, आरा सदर और तरारी में उनके विधायक हैं, जबकि शाहपुर पार्टी की परंपरागत सीट है।
महागठबंधन के दलों में भी उम्मीदों को लग रहे पंख
आईएनडीआईए(महागठबंधन) के लिए भी भोजपुर में अपने सभी दलों को संतुष्ट करना आसान नहीं होगा। 2020 के चुनाव में राजद ने संदेश, शाहपुर, जगदीशपुर और बड़हरा से अपने उम्मीदवार उतारे थे और तीन पर जीत दर्ज की थी।
वहीं, भाकपा माले के हिस्से में आरा सदर, अगिआंव और तरारी सीट आई थी, जिसमें आरा सदर को छोड़ दो सीटों पर उसे जीत मिली थी। पिछले साल तरारी से भाकपा माले के विधायक रहे सुदामा प्रसाद आरा से लोकसभा में पहुंच गए और उप चुनाव में पार्टी ने भाजपा के हाथों सीट गंवा दी।
इस बार भोजपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कांग्रेस भी एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं। माह के अंत में मतदाता अधिकार रैली में राहुल गांधी भी आरा आ रहे हैं।
वहीं, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी भी सोन के तटवर्ती क्षेत्रों में लगातार कार्यक्रम कर रही है। ऐसे में महागठबंधन के लिए भी अपने कुनबे के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना आसान नहीं होगा।
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