Bihar News: उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास, फिर अड़ंगा क्यों? KK Pathak के शिक्षा विभाग पर फिर भड़के राज्यपाल आर्लेकर
Bihar News बिहार के भोजपुर जिले में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (वीकेएसयू) में शनिवार को सीनेट की बैठक राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। राज्यपाल ने अपने संबोधन में उच्चतम न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए राज्य के शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास में शिक्षा विभाग अड़ंगा लगा रहा है।
जागरण संवाददाता, आरा (भोजपुर)। बिहार के भोजपुर जिले में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (वीकेएसयू) में शनिवार को सीनेट की बैठक राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में उच्चतम न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए राज्य के शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास में शिक्षा विभाग अड़ंगा लगा रहा है। जबकि, सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार स्पष्ट किया है कि उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी राज्यपाल के पास है।
राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए राशि देकर विद्यार्थियों पर उपकार नहीं करती है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा नीति पर अमल कर रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं भी चाहते हैं कि इसे लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय में हाउसकीपिंग सेवा के लिए एजेंसी के नाम तय करके भेजे हैं। जबकि, इसे तय करने का अधिकार सिंडिकेट और सीनेट का है।विभाग ने चार साल के स्नातक डिग्री का विरोध किया, लेकिन उसे बताया गया कि स्नातक की डिग्री तीन साल की ही है। जो स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई करना चाहेंगे, उनके लिए चार साल की डिग्री होगी। क्योंकि, देश के बाहर जाने पर उन्हें पीजी करने के लिए एक साल अलग से करना पड़ता था।
उन्होंने उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए सभी से सहयोग का आह्वान किया। नूतन परिसर के परीक्षा विभाग के सभागार में आयोजित इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 647 करोड़ 57 लाख के बजट का अनुमोदन किया गया। राज्यपाल ने कहा कि बैठक में सिर्फ आय और व्यय पर ही नहीं, शैक्षणिक मामलों पर भी विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। शिक्षा से ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।