बंटवारे में पाकिस्तान गए रैयत की जमीन की अवैध जमाबंदी रद्द, शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
भोजपुर जिले में विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए एक रैयत की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का मामला सामने आया है। भोजपुर एडीएम मनोज कुमार झा ने अवैध जमाबंदी रद्द (Bihar Illegal Jamabandi) कर दी है और संबंधित अंचलाधिकारी को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया करने को निर्देशित किया है।
धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। देश बंटवारे के समय भोजपुर जिले से सपरिवार पाकिस्तान चले गए रैयत की जमीन का अवैध ढंग से निबंधन कर जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) करा लिए जाने का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। जमीन कीमती है।
इस मामले में सुनवाई करते हुए भोजपुर एडीएम मनोज कुमार झा ने जमाबंदी रद्द कर दी है और संबंधित अंचलाधिकारी को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया करने को निर्देशित किया है।
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड क्षेत्र का है। बड़हरा के गुंडी मौजा में थाना नम्बर 57, खाता संख्या 2189, खेसरा संख्या 6542 और रकबा 68 डिसमिल का है। स्थानीय निवासी नथुनी सिंह पिता किशन देव सिंह के नाम पर इस जमीन की जमाबंदी कर दी गई थी। इस मामले को लेकर वाद संख्या 12/2021 बड़हरा अंचलाधिकारी बनाम महेंद्र सिंह के बीच भोजपुर एडीएम के न्यायालय में चल रहा था।पाकिस्तान चले गए थे रैयत
जानकारी के अनुसार, 1947 के पहले इस जमीन के असली रैयत पाकिस्तान चले गए। उनके कोई वारिस भी यहां नहीं रहे। इसके बाद भी फर्जी ढंग से किसी को उनका वारिस बताकर महेंद्र सिंह के पूर्वजों ने जमीन की रजिस्ट्री दिखाकर जमाबंदी करा ली।बड़हरा अंचलाधिकारी रिंकू यादव और आरा सदर डीसीएलआर श्वेता मिश्रा ने इस वर्ष मई में स्थल जांच के साथ कागजातों की जांच की तो पाया कि करोड़ों की जमीन की जमाबंदी बगैर किसी वाद संख्या या सक्षम प्राधिकारी के आदेश के नथुनी सिंह, पिता कृष्णदेव सिंह के नाम पर कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि भोजपुर पुराना जिला शाहाबाद का हिस्सा रहा है और यहां से कई रैयत बंटवारे में पाकिस्तान गए थे। जमीन संबंधी कागजातों की जांच में ऐसे कई मामले उजागर हो सकते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।