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Bihar News: करोड़ों की राशि का नहीं मिल रहा हिसाब, 13 बीईओ समेत 54 कर्मियों का वेतन रोका

भोजपुर में जला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने करोड़ों की राशि का हिसाब ना मिलने पर 13 बीईओ समेत 54 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। इसी के साथ उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं आप सभी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला मुख्यालय के साथ-साथ राज्य मुख्यालय को लिखा जाए। तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

By dharmendra kumar singhEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 07:48 PM (IST)
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करोड़ों की राशि का नहीं मिल रहा हिसाब, 13 बीईओ समेत 54 कर्मियों का वेतन रोका (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले में 11 वर्षों से शिक्षक वेतन मद के खाते में पड़ी करोड़ों रुपये की बेकार पड़ी राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है। विगत दो माह से राज्य मुख्यालय द्वारा नियोजित शिक्षकों के वेतन और मानदेय समेत अन्य मद के सरकारी खाते में बेकार पड़ी राशि से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की जा रही है। इसके बाद भी अब तक इसकी रिपोर्ट पंचायत निकायों एवं नगर निकायों के बैंक खातों से जिला मुख्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिस कारण कई प्रकार की आशंकाएं जन्म लेने लगी है।

इस बड़ी लापरवाही से नाराज होकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने जिले के 13 प्रखंड के बीईओ समेत 46 कर्मचारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। कार्रवाई की गाज जगदीशपुर और शाहपुर नगर पंचायत को छोड़कर सभी नगर निकाय और नगर पंचायत के सभी लापरवाह कर्मियों पर गिरी है।

इसे लेकर डीपीओ (स्थापना) रमेश कुमार पाल ने सभी 13 प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, अवर विद्यालय निरीक्षक, सभी 13 प्रखंडों के लेखापाल, स्थापना के कलर्क, जो प्रखंडों में शिक्षा विभाग के द्वारा तैनात किए गए हैं, के साथ-साथ डाटा इंट्री आपरेटर का वेतन तत्काल प्रभाव से बंद करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं आप सभी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला मुख्यालय के साथ-साथ राज्य मुख्यालय को लिखा जाए। तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

समझिए: क्या है पूरा मामला

जिले में यह पूरा मामला वर्ष 2012 के बाद से अब तक जुड़ा हुआ है। वर्ष 2012 में या उसके पहले पंचायत और नगर निकायों के शिक्षकों को वेतन मद में राशि स्थानीय स्तर से दी जाती थी। इसके बाद 2012 से यह व्यवस्था बंद होते हुए ऑनलाइन चालू हो गई। वर्ष 2012 से लेकर अब तक इस मद के खाते में तीन करोड़ से ज्यादा रुपये की राशि बेकार पड़ी हुई है, जिसका उपयोग विभाग जानकारी के अभाव में नहीं कर पा रहा है।

इसमें सबसे बड़ी राशि वेतन मद में पड़े पैसों से आए सूद समेत अन्य राशि हो सकती है। दूसरी तरफ कई जानकार लोगों ने इस राशि में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई होगी, इस पर संदेह व्यक्त किया है। जांच रिपोर्ट देने के बाद ही पूरी तरह से मामले की जानकारी मिल पाएगी।

लापरवाह अफसर और कर्मियों पर होगी विभागीय कार्रवाई

जिले में यह मामला वित्तीय लेनदेन से जुड़ा हुआ है, जो लगभग दो करोड़ से ज्यादा का है। इस मामले में तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट नहीं देने वाले अफसर और कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। - रमेश कुमार पाल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) भोजपुर

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