Pawan Singh: 'चुनाव तो लड़ना है, मगर...', पवन सिंह ने बता दी 'मन की बात', इस सीट पर सियासी हलचल तेज
पवन सिंह ने अपने इरादे बिल्कुल साफ कर दिए हैं। उनका एक वीडियो भी प्रसारित हो रहा है जिसमें वे कह रहे हैं कि चुनाव तो वे लड़ेंगे लेकिन कब कहां कैसे और किस पार्टी से लड़ना है यह बाद की बातें हैं। बता दें कि पवन सिंह इस समय आरा लोकसभा सीट पर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं।
कंचन किशोर, आरा। भोजपुरी सिने स्टार और गायक पवन सिंह के शारीरिक भाषा (बॉडी लैंग्वेज) इन दिनों सुर्खियों में है। उनके करीबियों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा की टिकट को उन्होंने ना तो कह दिया है, लेकिन लोकसभा चुनावी महासमर में उतरने की संभावना को ना नहीं कहा है।
कहा जा रहा है कि वे अपने गृह क्षेत्र आरा में अपनी राजनीति की जमीन तलाश रहे हैं। इन दिनों उनका एक वीडियो भी प्रसारित हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि चुनाव तो वे लड़ेंगे, लेकिन कब, कहां, कैसे और किस पार्टी से लड़ना है, यह बाद की बातें हैं।
आरा से चुनाव लड़ने की इच्छा
आसनसोल से भाजपा की उम्मीदवारी तय होने से पहले भी पवन सिंह कई बार आरा से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। तस्वीरों में वे भगवा गमछा ओढ़े नजर भी आए। साथ ही बड़े नेताओं के साथ तस्वीर को प्रसारित किया। नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद मुख्यमंत्री बनने पर वे उनसे मिलने गए और बधाई दी।पवन सिंह के करीबियों का कहना है कि वे हर विकल्प खुला रखना चाहते हैं। परिस्थिति वश आसनसोल से चुनाव लड़ने से मना करने के बाद उन्होंने अपने विकल्पों का दायरा बढ़ा लिया है। वीडियो में वे कह रहे हैं कि बिहार-झारखंड कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हर कोई चाहता है कि वे आरा से चुनाव लड़ें।
लगातार मजबूत हो रही BJP
भोजपुरी स्टार की इन बातों के मायने-मतलब भी खूब निकाले जा रहे हैं। 2014 से पहले आरा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की जमीन बहुत मजबूत नहीं रही है। एनडीए से यह सीट जदयू के खाते में थी और पार्टी की मीना सिंह 2009 में चुनाव जीती थीं। एनडीए से अलग होने के बाद 2014 में भाजपा ने यहां से सेवानिवृत्त वरिष्ठ गृह सचिव राजकुमार सिंह को मौका दिया।इसके बाद नरेंद्र मोदी की लहर और सांसद आरके सिंह के क्षेत्र में किए गए कार्य एवं उनकी स्वच्छ छवि ने आरा में भाजपा को मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। 2019 के चुनाव में विपक्ष के वोटों की गोलबंदी के बावजूद भाजपा ने एक लाख 47 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।
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