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BSP 'हाथी' की मस्तानी चाल की आस में 'लाल' पर लगा रही दांव, शह-मात की होड़ में किस्मत कर रही 'खेला'

BSP In Bihar Lok Sabha Election 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति बनाई है। इसी के तहत बहुजन समाज पार्टी यानि बसपा भी अपनी रणनीति के तहत सियासी दांव लगा रही है। हालांकि आरा लोकसभा सीट पर पहले हुए चुनावों के आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि बसपा के साथ किस्मत का खेला बदस्तूर जारी है।

By Kanchan Kishore Edited By: Yogesh Sahu Updated: Tue, 21 May 2024 06:40 PM (IST)
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BSP 'हाथी' की मस्तानी चाल की आस में 'लाल' पर लगा रही दांव
कंचन किशोर, आरा। Bihar Lok Sabha Election 2024 : चुनाव केवल जीतने के लिए नहीं लड़े जाते, बल्कि अपना जनाधार सहेजने के लिए भी पार्टियां चुनाव मैदान में आती हैं। मायावती की बहुजन समाज पार्टी की आरा में उपस्थिति इस मामले में मायने रखती है।

पार्टी का 1984 में गठन हुआ और 1991 के बाद आरा लोकसभा क्षेत्र से एक चुनाव को छोड़ हर चुनाव में पार्टी पूरे दमखम से लड़ती है, लेकिन अब तक के चुनाव में पार्टी कभी जमानत नहीं बचा पाई।

आरा में पहली बार 1991 में चुनाव में उतरी

वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में पहली बार पार्टी ने आरा लोकसभा (Arrah Lok Sabha Seat) में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मो. शमीम को अपना उम्मीदवार बनाया। उस चुनाव में बसपा महज 565 वोट हासिल कर सकी।

चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार रामलखन सिंह यादव ने बाजी मारी थी। पांच साल बाद 1996 के चुनाव के बहुजन समाज पार्टी ने रामदेव प्रेम जीवन पर दांव लगाया, लेकिन वे भी पार्टी के वोटों का आंकड़ा एक हजार तक नहीं पहुंचा पाए और केवल 888 मतों पर सिमट कर रह गए। तब जनता दल से चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते थे।

आरा में दूसरी बार

1998 में बसपा ने चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, लेकिन 1999 में पार्टी एक बार फिर आरा लोकसभा से पूरे दमखम से चुनाव लड़ी और छठे स्थान पर रही। बसपा के प्रत्याशी उदय नारायण राम ने पहली बार पार्टी के मतों का आंकड़ा तीन अंकों से पार कराया और 2726 मत हासिल किए।

उस समय राष्ट्रीय जनता दल से राम प्रसाद सिंह चुनाव जीते। 2004 में पार्टी के उम्मीदवार राम कुंडल शर्मा थे और उत्तरप्रदेश के साथ बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी अपना वोट बैंक तैयार कर चुकी थी। इस चुनाव में बसपा को 7050 मत प्राप्त हुए। चुनाव राजद की प्रत्याशी कांति सिंह जीतीं।

बसपा का 2009 में रहा सबसे अच्छा प्रदर्शन

2009 का चुनाव आरा में बसपा के लिए उम्मीद जगाने वाला रहा, जब पार्टी के प्रत्याशी रीता सिंह 21688 मत हासिल कर चौथे स्थान पर रहीं। तीसरा स्थान नोटा को हासिल हुआ। हालांकि, 2014 में फिर बसपा का वोट आधा से भी कम रह गया और पार्टी के रमेश चंद्र बादल को केवल 7637 मत मिले।

जितने मत बसपा को मिले, उससे दोगुने मत नोटा को प्राप्त हुए। 2019 में भी पार्टी कुछ खास नहीं कर सकी और हाथी पर सवार मनोज यादव को 10778 मत मिले।

इससे दोगुने मत नोटा को हासिल हुए। इस बार भी अपने वोट बैंक पर भरोसा जताते हुए बसपा (BSP) ने लाल बादशाह सिंह (Lal Badshah Singh) को अपना प्रत्याशी बनाया है।

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