Bullet Train: बिहार में बुलेट ट्रेन के लिए बनेंगे ये चार स्टेशन, मिट्टी जांच के बाद शुरू होगा भूमि अधिग्रहण; मिलेगा मुआवजा
Bihar News बुलेट ट्रेन पर चढ़ने का सपना बिहार के लोगों का जल्द पूरा होने वाला है। दरअसल भारतीय रेल ने बिहार की चार जगहों को स्टेशन बनाने के लिए चिह्नित कर लिया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बिहार में जो रूट जारी किया है उसके मुताबिक बक्सर के बाद आरा के उदवंतनगर पटना और गया में स्टेशन बनने हैं।
By Kanchan KishoreEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Thu, 14 Dec 2023 12:43 PM (IST)
विजय कुमार ओझा, उदवंंतनगर(आरा)। Bihar News: भोजपुर, पटना और गया के रास्ते दिल्ली से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन का सपना भविष्य में पूरा होने वाला है। इसे लेकर एरियल सर्वे के बाद अब धरातल पर सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है। रूट को लेकर बनी भ्रम की स्थिति समाप्त हो चुकी है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बिहार में जो रूट जारी किया है, उसके मुताबिक बक्सर के बाद आरा के उदवंतनगर, पटना और गया में स्टेशन बनने हैं। बुलेट ट्रेन रूट का एरियल सर्वे हो चुका है और अब सर्वे एजेंसी पिछले दो दिनों से इसके रास्ते में पड़ने वाले भोजपुर के विद्यमान ढांचा सर्वे का काम कर रही है।
इसके तहत सर्वे कंपनी आइडियल इंप्रेशन मार्केट रिसर्च उदवंतनगर में गांव के लोगों से मिलकर उन्हें परियोजना के बारे में बता रही है और उनकी रजामंदी हासिल कर रही है। बताया जा रहा है कि वाराणसी- हावड़ा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर दिल्ली-हावड़ा परियोजना का हिस्सा है।
इसके तहत अलग फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ-अयोध्या कॉरिडोर पर भी सर्वे का काम चल रहा है। इस परियोजना के पूरा होने पर भोजपुर से हावड़ा की दूरी तीन घंटे में तय की जा सकेगी। बक्सर से कोलकाता की लगभग 760 किलोमीटर की दूरी महज ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। वहीं, वाराणसी से हावड़ा की दूरी साढ़े तीन घंटे की रह जाएगी।
मिट्टी जांच के बाद होगा भूमि का अधिग्रहण
आईआईएमआर कंपनी के सुपरवाइजर रमेश कुमार यादव ने बताया कि सोशियो और स्ट्रक्चरल सर्वे के बाद मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू होगी। उसके बाद जमीन के अधिग्रहण का कार्य किया जाएगा । जमीन का अधिग्रहण कार्य वर्ष 2025 तक शुरू होने की संभावना है।अभी स्ट्रक्चरल और सोशियो सर्वे की जा रही है। साथ ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के प्लाट का वेरिफिकेशन करते हुए रैयतों की रजामंदी ली जा रही है।
रैयतों से भूमि के कागजात तैयार करने को कहा जा रहा है, जिससे मुआवजा की राशि मिलने में परेशानी न हो। चिह्नित प्लाट में घर, बोरिंग अथवा किसी तरह का कंस्ट्रक्शन, पेड़ आदि का मुआवजा अलग से देने का प्रावधान है।
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