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Filariasis Patients Certificate: फाइलेरिया से दिव्यांग हुए मरीजों का बनेगा प्रमाणपत्र, यहां से करें अप्लाई

भोजपुर जिले में फाइलेरिया के कारण दिव्यांग हुए मरीजों का प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है और इसके लिए मरीजों को साइबर कैफे या सुविधा केंद्रों में जाकर उन्हें इस वेबपोर्टल swavlmbncord.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिन मरीजों में 40 फिसदी या उससे अधिक अपंगता है उन मरीजों का ही दिव्यांग प्रमाण पत्र बनेगा। ऐसे मरीज राज्य तथा केंद्र सरकार से दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ ले पाएंगे।

By Arun Prashad Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:22 PM (IST)
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फाइलेरिया से दिव्यांग हुए मरीजों का बनेगा प्रमाणपत्र (File Photo)
जागरण संवाददाता, आरा। जिले में फाइलेरिया के कारण दिव्यांग हुए मरीजों का प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है। इसके लिए उन्हें पोर्टल https://www.swavlambancard.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

मरीज साइबर कैफे या सुविधा केंद्रों में जाकर आवेदन कर सकते हैं। 40 प्रतिशत या उससे अधिक अपंगता होने पर ही उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।

फाइलेरिया धीरे-धीरे लेता है चपेट में

ऐसे मरीज दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मदद से राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ समान रूप से ले सकते हैं। इधर फाइलेरिया उन्मुलन को लेकर जिले में कई अन्य अभियान चलाए जा रहे हैं। यह एक गंभीर बीमारी है।

यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

फाइलेरिया की रोकथाम के लिए इस किट का होगा वितरण 

अब विभाग द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जरूरी रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता की रोकथाम (एमएमडीपी) किट के साथ विशेष चप्पल का भी वितरण किया जाएगा। इससे हाथीपांव के मरीजों को अपने पैरों की सुरक्षा करने और प्रबंधन में सहूलियत मिलेगी।

इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से पहले लाट में 75 एमडीडीपी किट के साथ 75 चप्पल भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिनका वितरण शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में और भी किट और चप्पल मिलेंगे, जिन्हें सभी प्रखंडों में वितरित किया जाएगा।

दिव्यांगता प्रमाणपत्र के लिए मरीज करें ऑनलाइन आवेदन

डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के कारण हुए दिव्यांग मरीज प्रमाणपत्र बनवाने के लिए साइबर कैफे या सुविधा केंद्रों में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिसके बाद यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटिटी (यूडीआईडी) कार्ड जेनरेट होता है। साथ ही, उन्हें एक तिथि भी बताई जाती है।

जिस दिन उन्हें जिला कलेक्ट्रेट में संभवत: गुरुवार के दिन मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ेगा। बोर्ड के सदस्य हाथीपांव के मरीजों की दिव्यांगता जांच करेंगे। 40 प्रतिशत व उससे अधिक अपंगता होने पर ही उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। अब तक जिले में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों का प्रमाण पत्र बन चुका है।

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