जदयू MLC राधा चरण सेठ पर ED का शिकंजा, घर और फार्म हाउस पर मारा छापा; भारी संख्या में CRPF के जवान तैनात
जदयू के विधान पार्षद राधाचरण साह उर्फ सेठ के घर और फार्म हाउस पर प्रवर्तन निदेशालय सोमवार की सुबह से छापामारी कर रही है। छापामारी के दौरान सारे दस्तावेज खंगाले जाने की सूचना है। मौके पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
आरा, जागरण संवाददाता। आरा-बक्सर निकाय क्षेत्र से जदयू के विधान पार्षद सह जदयू के प्रदेश महासचिव राधाचरण साह उर्फ सेठ पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। सोमवार की सुबह ईडी राधाचरण साह के आरा शहर के अनाईठ-बिहारी मिल स्थित घर और फार्म हाउस पर सुबह दस बजे के बाद से छापामारी कर रही है।
राधाचरण साह लंबे समय से बालू सिंडिकेट से जुड़े रहे हैं। भोजपुर के कोईलवर, पटना के परेब, औरंगाबाद और गया के बड़े बालू कारोबारियों से उनके अच्छे संबंध रहे हैं। छापामारी के दौरान सारे दस्तावेज खंगाले जाने की सूचना है। ईडी के अधिकारी छापेमारी के लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। विधि व्यवस्था को लेकर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। करीब सौ से अधिक सीआरपीएफ के जवान लगाए गए हैं।
वहीं, बालू के धंधे से जुड़ी ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के कोइलवर रेलवे स्टेशन स्थित मुख्य कार्यालय पर भी ईडी की रेड चल रही है। दो गाड़ियों से आये अधिकारी अलसुबह 7 बजे से कार्यालय खंगाल रहे हैं। वहीं, इस कम्पनी के निदेशक मंडल के सदस्य और राजद नेता सह झारखंड के कोयला और शराब व्यवसायी पुंज कुमार सिंह के धनडीहा स्थित आवास पर भी छापामारी चल रही है।
5 महीने के अंदर दूसरी बार केन्द्रीय एजेंसी की कार्रवाई
बता दें कि इसी साल फरवरी महीने में आयकर विभाग की टीम ने विधान पार्षद राधाचरण साह उर्फ सेठ के बाबू बाजार स्थित आवास, अनाईठ फार्म हाउस, शहीद भवन और बाईपास होटल में छापामारी की थी। उस समय बिहटा के परेब निवासी बालू कारोबारी के घर पर भी छापामारी हुई थी।
तब आयकर की टीम ने पटना, आरा, बक्सर के अलावा मनाली, हरिद्वार, नोएडा, गाजियाबाद, झारखंड और दिल्ली सहित देशभर में करीब 18 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
मिठाई की दुकान से राजनीति का सफर
विदित हो कि अप्रैल 2022 में आरा-बक्सर के एमएलसी चुनाव में राधाचरण साह ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। 70 के दशक में राधाचरण साह की आरा रेलवे स्टेशन के बाहर जलेबी की दुकान हुआ करती थी। इसके बाद वो होटल के व्यवसाय में उतरे थे।
इसके बाद जमीन का कारोबार करने लगे। फिर जब बिहार सरकार ने बालू के ठेके का आवंटन करना शुरू किया तो राधाचरण यहां भी पीछे नहीं रहे। बालू की ठेकेदारी करते-करते राधा चरण साह की गिनती शहर के रईसों में होने लगी। राधा चरण साह लंबे समय से बालू सिंडिकेट से जुड़े रहे हैं। इसके बाद विधान पार्षद बने। राधा चरण साह बिहार की राजनीति में जाना-माना नाम है। जदयू के कई शीर्ष नेता उनके करीबी माने जाते हैं।