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डेढ़ लाख रुपये पेंशन से अच्‍छी जिंदगी जी रहे शिक्षक, VKS यूनिवर्सिटी के पेंशनभोगियों पर हर महीने 215.84 करोड़ खर्च

वीकेएस विश्वविद्यालय के कुल 1812 पेंशनभोगियों के भुगतान पर हर महीने 215.84 करोड़ रुपये खर्च हाे रहा। 7वां वेतन आयोग के तहत सुविधा पाकर रिटायर होने वाले सहायकों को करीब 65 हजार पेंशन मिल रहा है। जबकि प्रोफेसरों को एक लाख 55 हजार और छठे वेतन आयोग का लाभ पाकर सेवा निवृत्त प्रोफेसरों को एक लाख 35 हजार रुपये पेंशन मिल रहा है।

By Kanchan Kishore Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 27 Dec 2023 12:53 PM (IST)
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वीकेएस विश्वविद्यालय के कुल 1812 पेंशनभोगियों पर करोड़ों खर्च।
राणा अमरेश सिंह, आरा। महाराजा काॅलेज से सेवानिवृत्त पूर्व प्राचार्य गांधी जी राय 81 वर्ष के हैं, रोज सुबह उठकर दो ग्लास गर्म पानी पीते हैं, फिर आधे घंटे योग कर बागवानी करते हैं, नाश्ते में अंकुरित मूंग और पपीता का सेवन करते हैं। इसी का असर है कि इस उम्र में भी वे हमेशा तरोताजा दिखते हैं।

संयमित जीवन शैली से जी रहे अच्‍छा जीवन

अच्छी जीवनशैली और खानपान से बढ़ती उम्र में भी स्वस्थ्य रहने वाले वह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के इकलौते शिक्षक नहीं है। महाराजा काॅलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. सुरेंद प्रसाद सिंह व एमवी कालेज, बक्सर के पूर्व प्राचार्य प्रो. गौरंग रंजन सहाय भी 85 साल से ज्यादा उम्र के हैं, लेकिन संयमित जीवन शैली से स्वस्थ्य जीवन जी रहे हैं।

महाराजा काॅलेज आरा के पूर्व प्राचार्य 81 वर्षीय गांधी जी राय।

विश्‍वविद्यालय के पेंशन डेटा से हुआ यह खुलासा

विश्वविद्यालय का पेंशन डेटा भी उक्त तथ्यों को प्रमाणित करते हैं। वीकेएसयू में पढ़ाने वाले प्रोफेसर अपने मातहत बाबुओं से ज्यादा दीघार्यु हो रहे हैं। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का जीवन तो और भी कम हो रहा है।

विश्वविद्यालय का पेंशनभोगी आंकड़े के अनुसार, 85 वर्ष से अधिक उम्र के 27 शिक्षक हैं। दूसरी ओर 85 वर्ष की सीमा लांघने वाले सहायक पेंशनभोगी एक भी नहीं हैं।

80 वर्ष आयु वर्ग के 58 शिक्षक हैं, लेकिन इस उम्रवर्ग में सेवानिवृत्त सहायकों की संख्या केवल 18 है। जबकि, संख्या में शिक्षकेत्तर पेंशनभोगियों की संख्या ज्यादा है।

65 हजार से लगभग डेढ़ लाख तक मिल रहा पेंशन

पेंशन डेटा बताता है कि चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की उम्र की अधिकतम सीमा 70-72 है। प्रश्न है कि सहायकों को भी इतनी कम राशि नहीं मिलती है कि वह सही तरीके से नहीं जी सकते हैं।

सातवां वेतन आयोग के तहत सुविधा पाकर सेवानिवृत्त होने वाले सहायकों को करीब 65 हजार रुपये पेंशन मिल रहा है। जबकि, सातवां वेतन आयोग के तहत पेंशन पाने वाले प्रोफेसरों को एक लाख 55 हजार रुपये और छठे वेतन आयोग का लाभ पाकर सेवा निवृत्त प्रोफेसरों को एक लाख 35 हजार रुपये पेंशन मिल रहा है।

तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को 20 हजार रुपये पेंशन मिलता है। विश्वविद्यालय के पेंशन विभाग में दर्ज आंकड़ों में 70 वर्ष आयु की सीमा लांघने वाले 18 कर्मचारी हैं। फिजीशियन डा.ए.अहमद कहते हैं कि संयमित जीवन शैली और खानपान के साथ सुबह योग से शरीर में रोग से लड़ने की ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ्य रहता है।

1812 पेंशनभोगियों पर 215.84 करोड़ खर्च

भले ही बाबू लोग प्रोफेसरों से कम आयु जी रहे हैं, लेकिन इनकी तादाद शिक्षकों से अधिक है। विश्वविद्यालय के पेंशनभोगियों में बाबुओं की संख्या 763 है। जबकि प्रोफेसराें की संख्या 582 है।

पारिवारिक पेंशन भोगियों की संख्या 467 है। इस तरह से विश्वविद्यालय 215 करोड़ 94 लाख रुपये केवल पेंशन पर खर्च करता है। इसमें 582 शिक्षक 763 बाबू और 467 लोगों को पारिवारिक पेंशन मिलता है।

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