अब भारतीय रेलवे वित्त निगम का नेतृत्व करेगा 'बिहारी ब्रेन', साल 2011 में मिला था नेशनल अवॉर्ड
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को नया CMD मिल गया है। भोजपुर जिले के सीनियर आईआरएएस अधिकारी मनोज कुमार दुबे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। दुबे के रेलवे वित्त निगम का निदेशक बनने से शाहाबाद के साथ-साथ सूबे का भी मान बढ़ा है। दुबे के पास वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक संचालन में व्यापक अनुभव है। उन्हें 2011 में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
दीपक, आरा। अब भारतीय रेलवे वित्त निगम में 'बिहारी ब्रेन' काम करेगा। रेल मंत्रालय ने भोजपुर जिला निवासी सीनियर आईआरएएस अधिकारी मनोज कुमार दुबे को सार्वजनिक उपक्रम रेलवे वित्त निगम का नया निदेशक (सीएमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ बनाया है। दुबे के रेलवे वित्त निगम का निदेशक बनने से शाहाबाद के साथ-साथ सूबे का भी मान बढ़ा है।
इनके सीएमडी बनने से सार्वजनिक उपक्रम में आर्थिक प्रगति की उम्मीद जतायी जा रही है, क्योंकि उन्हें वित्तीय प्रबंधन एवं रणनीतिक संचालक में व्यापक अनुभव रहा है। 1993 बैच के भारतीय रेल लेखा सेवा अधिकारी (आईआरएएस) मनोज मुगलसराय (डीडीयू), धनबाद एवं आसनसोल में सीनियर फाइनेंस प्रबंधक भी रहे चुके हैं।
वर्ष 2011 में रेल मंत्री ने उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया है। हाल के वर्षों में बिहार से जुड़े वे पहले ऐसे सीनियर अधिकारी हैं, जो इस बड़े पद पर पहुंचे हैं। मूल रूप से आरा सदर प्रखंड के सलेमपुर गांव निवासी सेवानिवृत्त डीएसपी केसी दुबे के दो पुत्रों में बड़े मनोज कुमार दुबे की स्कूली शिक्षा-दिक्षा आरा शहर के जिला स्कूल में मैट्रिक तक हुई है। इसके बाद बारहवीं एवं उच्च शिक्षा दिल्ली से प्राप्त की थी। आईआईटी धनबाद से उन्होंने एमबीए की थी।
उन्होंने अपने बैच में शीर्ष स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल भी जीता था। इनके दूसरे छोटे भाई जितेन्द्र दुबे व्यवसाय के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हैं। सलेमपुर गांव के योगेन्द्र दुबे, भोला दुबे, हरेन्द दुबे एवं शंभू दुबे कहते हैं कि उन्हें अपने गांव के सपूत पर गर्व है। यह पूरे के लिए गौरव की बात है कि उनके गांव के अधिकारी बेटे को आईआरएफसी का अध्यक्ष बनाया गया है।
अपने परिवार के साथ रेलवे वित्त निगम के निदेशक मनोज कुमार दुबे। फोटो- जागरण
रेलवे की डिजिटल सेवाओं में सुधार को लेकर मिला था अवॉर्ड
हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे दुबे ने अपनी पहली नाैकरी की शुरुआत यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के पटना शाखा से की थी। इसके बाद वे भारतीय रेलवे अकाउंट सेवा में आए थे।
भारतीय रेल में सेवा के दौरान ई-टेंडरिंग, ई-नीलामी प्रणाली के साथ-साथ वेतन एवं पेंशन प्रक्रियाओं में डिजिटलीकरण जैसे महत्वपूर्ण सुधार किए है, जिनके लिए वर्ष 2011 में केन्द्रीय रेल मंत्री के हाथों उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।
अपने पिता केसी दुबे, मां इन्द्रावती देवी और छोटे भाई जितेन्द्र दुबे के साथ सीएमडी मनोज दुबे। जागरण
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